VAISHALI: बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं की 75 परसेंट उपस्थिति अनिवार्य कर दिया है. 75 परसेंट से कम उपस्थिति वाले बच्चों का नाम काटने से लेकर फार्म भरने से रोकने तक का फरमान जारी कर दिया गया है. लेकिन आलम ये है कि सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं के बैठने की जगह ही नहीं है. केके पाठक के फरमान से नाराज छात्राओं का आक्रोश आज भड़क गया. छात्राओं ने जमकर उत्पात मचाया.
ये वाकया मंगलवार को वैशाली जिले के महनार उच्च विद्यालय में हुआ. यहां पढ़ने वाली छात्राओं का आक्रोश भड़का तो फिर पूरे प्रसाशन का हाथ-पैर फूल गया. छात्राओं ने सड़क पर उतरकर जमकर हंगामा किया. आक्रोशित छात्राओं ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की गाड़ी को लाठी-डंडे और ईंट-पत्थर से मारकर क्षतिग्रस्त कर दिया. इस दौरान एक पुलिस पदाधिकारी को भी चोट आयी, जिन्हें इलाज के लिए हाजीपुर भेजा गया.
प्रदर्शन और हंगामे के दौरान आधा दर्जन छात्राएं बेहोश भी हो गईं. छात्राओं का आक्रोश इस कदर भडका था कि प्रशासन के हाथ पैर फूल गये. आलाधिकारियों ने किसी तरह घंटों मशक्कत कर उन्हें शांत किया.
2080 छात्राओं का एडमिशन लेकिन जगह 600 की
छात्राओं ने बताया कि शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में 75 परसेंट उपस्थिति अनिवार्य कर दिया है. जो लड़की 75 परसेंट क्लास नहीं करेगी, उसे कोई सरकारी सुविधा नहीं मिलेगी. उसे फार्म भी नहीं भरने दिया जायेगा. इसके बाद महनार उच्च विद्यालय में लगभग सभी छात्रायें स्कूल आ रही हैं. लेकिन स्कूल में छात्राओं का नामांकन काफी ज्यादा है और उनके बैठने की जगह ही नहीं है. इस स्कूल में 2080 छात्राओं का नामांकन किया गया है, जबकि सिर्फ 600 छात्राओं के ही बैठने की व्यवस्था है. हर दिन छात्राओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
सड़क पर उतरी लड़कियां
स्कूल की बदहाली से नाराज लड़कियां आज सड़क पर उतर गयीं. लड़कियों ने स्कूल के सामने हाजीपुर-महनार एनएच 122 बी को जाम कर दिया. इसी दौरान कुछ छात्राएं महनार के मदन चौक पर आ गई और वहां भी सड़क को जाम कर दिया. छात्राओं के सड़क जाम के कारण पूरे बाजार में अपरा-तफरी की स्थिति बन गई. मदन चौक से लेकर महनार हाई स्कूल तक का इलाका रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. छात्रायें कई घंटे तक सड़क पर प्रदर्शन करती रहीं.
आक्रोशित छात्र-छात्राओं का कहना था कि जब स्कूल में बैठने की जगह ही नहीं है तो सरकार उन्हें स्कूल आने पर बाध्य क्यों कर रही है. सरकार को पहले स्कूल में बैठने का इंतजाम करना चाहिये और फिर आदेश निकालना चाहिये. लड़कियों में 75 प्रतिशत उपस्थिति को अनिवार्य बनाने के आदेश पर भारी आक्रोश नजर आया. उनका कहना था कि वे दूर दराज से काफी परेशानी का सामना कर स्कूल पहुंचती हैं, लेकिन यहां बैठने की जगह उन्हें नहीं मिल पाती है. स्कूल में उन्हें पढ़ाया नहीं जा रहा है बल्कि सिर्फ परेशान किया जा रहा है.
छात्राओं के हंगामे के बाद महनार के सीओ और पुलिस ने वहां पहुंच कर छात्राओं को समझाने बुझाने का प्रयास किया. बाद में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अहिल्या कुमारी भी मौके पर पहुंची. अधिकारियों के समझाने से छात्रायें पहले शांत हुईं लेकिन अचानक उनका आक्रोश फिर भड़क गया. मामला शांत होने के बाद छात्राएं फिर से आक्रोशित हो गई और सड़क पर खड़ी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की गाड़ी को लाठी-डंडों और ईंट-पत्थर से मारकर पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया. इसके बाद महनार के एसडीओ नीरज कुमार, एसडीपीओ प्रीतीश कुमार, महनार थानाध्यक्ष संजय कुमार, बीडीओ बसंत कुमार सिंह वहां पहुंचे और छात्र-छात्राओं को समझाया, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अहिल्या कुमारी ने बताया कि उन्हें जब प्रदर्शन की सूचना मिली तो मौके पर पहुंच कर छात्राओं को समझाने-बुझाने का प्रयास कर रही थीं. लेकिन इसी दौरान उनकी गाड़ी पर पथराव किया गया जिससे गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई.
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि स्कूल में जगह नहीं होने की बात की वे खुद जांच करेंगी और वरीय पदाधिकारियों को भी सूचित करेंगी. महनार एसडीओ नीरज कुमार ने कहा कि विद्यालय में क्षमता से अधिक छात्राएं आ रहे हैं. इसके कारण बैठने में परेशानी होती है। इसको लेकर कुछ छात्राएं सड़क पर आ गई थीं, जिन्हें समझा-बुझाकर कर शांत कर दिया गया है. एसडीओ ने कहा कि स्कूल को दो पालियों में चलाने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बात की गई है.
आधा दर्जन छात्राएं और महिला एएसआई बेहोश
छात्राओं के हंगामे के दौरान आधा दर्जन लड़कियां भीषण गर्मी के कारण बेहोश हो गई। उन्हें इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महनार में भर्ती कराया गया. एक महिला एएसआई पूनम कुमारी भी बेहोश हो गईं, उन्हें भी इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. बाद में उन्हें हाजीपुर स्थित सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया.