बिहार में नहीं थम रहा भूमि विवाद का मामला: मुजफ्फरपुर में जमीन कारोबारी की हत्या, दूसरे की हालत गंभीर CBSE Board 12th Result 2025: गोल इंस्टीट्यूट के छात्र-छात्राओं ने लहराया परचम PATNA: बिहार के शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए अच्छी खबर, वेतन भुगतान के लिए 28 अरब से अधिक की राशि जारी Patna News: पटना में लेडीज स्पेशल पिंक बस के परिचालन का मार्ग निर्धारित, जानिए.. किराया और रूट Patna News: पटना में लेडीज स्पेशल पिंक बस के परिचालन का मार्ग निर्धारित, जानिए.. किराया और रूट Bihar News: अब विदेशी भाषा सीखेंगे बिहार के छात्र, राज्यभर के 15 इंजीनियरिंग कॉलेज में हुई शुरुआत Bihar News: अब विदेशी भाषा सीखेंगे बिहार के छात्र, राज्यभर के 15 इंजीनियरिंग कॉलेज में हुई शुरुआत Operation Sindoor: बिहार के लाल शहीद रामबाबू सिंह ने देश के लिए लुटा दी जान, हाल ही में हुई थी शादी; बॉर्डर पर चलाते थे एयर डिफेंस सिस्टम s 400 Operation Sindoor: बिहार के लाल शहीद रामबाबू सिंह ने देश के लिए लुटा दी जान, हाल ही में हुई थी शादी; बॉर्डर पर चलाते थे एयर डिफेंस सिस्टम s 400 PURNEA: विद्या विहार आवासीय विद्यालय में जश्न का माहौल, CBSE की 12वीं परीक्षा में शानदार प्रदर्शन
1st Bihar Published by: Updated Thu, 25 Aug 2022 07:33:08 AM IST
- फ़ोटो
PATNA: बुधवार यानि 24 अगस्त को जब बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार औऱ तेजस्वी यादव की जुगलबंदी वाली सरकार को विश्वास मत हासिल करना था, उसी दिन केंद्रीय जांच एजेंसी ने ताबड़तोड़ छापे मारे. गुरूग्राम से लेकर पटना, मधुबनी, कटिहार, वैशाली समेत तीन दर्जन से ज्यादा जगहों पर सीबीआई ने एक साथ छापा मारा. सीबीआई ने इस छापेमारी को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया. लिहाजा ये कहा जा रहा है कि लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते नौकरी के बदले जमीन लेने का जो खेल हुआ था, ये छापेमारी उसी प्रकरण में हुई है. लेकिन फर्स्ट बिहार के सामने जो तथ्य आये हैं वो कुछ औऱ कहानी कह रहे हैं. सीबीआई आगे बढ़ गयी है. बुधवार को जो तमाम छापेमारियां हुई उसका मकसद अलग था.
MP और MLC की सीट कितने में बिकती है
सीबीआई ने बुधवार को राजद के जिन नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी की, उनमें से कुछ लोगो से फर्स्ट बिहार ने बात की. ज्यादातर तो सदमे में थे लेकिन कई लोगों ने जानकारी दी. हमने उनसे ये जानना चाहा कि रेड के दौरान सीबीआई ने क्या पूछताछ की. ऑफ द रिकार्ड लोगों ने कई बातें बतायी. लेकिन सीबीआई की छापेमारी का मकसद राजद नेताओं ने भी बता ही दिया. सीबीआई ने 24 अगस्त को लालू फैमिली के करीबी MLC और राजद के कोषाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह के घर और दफ्तर पर छापेमारी की थी. देर रात जब छापेमारी खत्म हुई तो सुनील सिंह ने मीडिया से बात की. देखिये उन्होंने मीडिया से क्या कहा
“सीबीआई का एक ही उद्देश्य था. वे कह रहे थे कि हमको सूचना मिलती है कि आपके यहां MP बिकता है, MLC बिकता है, राज्यसभा बिकता है. वो पैसा कहां जाता है.“
इसलिए हुई अशफाक, फैयाज के घर रेड
सुनील सिंह ने मीडिया के सामने स्वीकार कर लिया कि सीबीआई ने क्या पूछा. छापेमारी के शिकार बने दूसरे नेता ऑफ द रिकार्ड इस बात की पुष्टि कर रहे हैं. राजद के राज्यसभा सांसद अशफाक करीम औऱ फैयाज आलम के घर छापेमारी का मकसद भी यही था. इसी साल राजद के टिकट पर राज्यसभा भेजे गये फैयाज आलम ने बिहार के लोगों को चौंकाया था. राजद में अब्दुल बारी सिद्दीकी से लेकर दूसरे दिग्गज नेता घर बैठे रह गये औऱ पार्टी ने फैयाज आलम को राज्यसभा का उम्मीदवार बना दिया. फैयाज के बैंक बैलेंस की चर्चा सियासी गलियारे में लंबे अर्से तक होती रही.
वहीं, राजद के एक औऱ राज्यसभा सांसद अशफाक करीम के घर रेड भी इसी से जुड़ा है. मेडिकल कॉलेज चलाने वाले अशफाक करीम को राजद ने तब राज्यसभा का उम्मीदवार बना दिया था जब वे पार्टी के मेंबर तक नहीं थे. उऩको राज्यसभा भेजे जाने पर लंबे अर्से तक सियासी गलियारे में चर्चा होती रही थी. जानकार बताते हैं कि सीबीआई ने रेड के दौरान उनके उन ट्रांजेक्शन की ही ज्यादा खोज खबर ली, जो उनके राज्यसभा सांसद बनने के दौरान की गयी थी.
अशफाक करीम हों या फैयाज आलम, दोनों लालू परिवार के ज्यादा करीबी कभी नहीं रहे. हकीकत तो ये है कि वे उस दौर में राजद के सदस्य तक नहीं थे जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे. अगर सीबीआई रेलवे में जमीन के बदले नौकरी की छानबीन कर रही है तो अशफाक करीम औऱ फैयाज आलम के घर छापेमारी का कोई मतलब नहीं था.
तेजस्वी के निजी लोगों पर दबिश
सीबीआई ने 24 अगस्त को जिन लोगों के ठिकानों पर छापे मारे, उनकी सूची दिलचस्प है. बिहार सरकार के एक ठेकेदार सुनील राय के कई ठिकानों पर छापे मारे गये. बिहार के आम लोगों की कौन कहे, राजद के भी ज्यादातर लोग ठेकेदार सुनील राय को नहीं जानते. ठेकेदार सुनील राय वैशाली के बिदुपुर के रहने वाले हैं और तेजस्वी की पर्सनल मीटिंग में लगातार बैठने वाले लोगों में शामिल हैं. सीबीआई ने उनकी पूरी कुंडली खंगाली है.
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक पूर्व एमएलसी सुबोध राय के घर छापेमारी का मकसद भी अलग ही था. सूत्रों के मुताबिक वैशाली से स्थानीय निकाय कोटे से एमएलसी रहे सुबोध राय ने अपने आवास को तेजस्वी यादव का सारा निजी काम देखने वाले व्यक्ति के सुपुर्द कर रखा था. आवास सुबोध राय के नाम था लेकिन रह कोई और रहा था. सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया- हमें इसके संकेत मिले थे कि एख पूर्व एमएलसी के सरकारी आवास में रह रहा व्यक्ति ही बडे पैमाने प्रोपर्टी को मैनेज कर रहा था.
तेजप्रताप के सहारे आगे बढी सीबीआई
उधर गुरूग्राम में हुई छापेमारी का भी लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए खेल से कोई वास्ता नहीं है. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक गुरूग्राम के मॉल की कहानी का सूत्र तो उन्हें लालू परिवार से ही मिल गया था. दरअसल तेजप्रताप यादव ने ही मीडिया में आकर ये बयान दिया था कि तेजस्वी यादव और उनके सबसे खास सलाहकार संजय यादव ने अवैध कमाई से मॉल बनवाया है. सीबीआई उसी लीड पर आगे बढ़ी. देर रात सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि सबसे अच्छी लीड गुरूग्राम के मॉल से ही मिली है.
तो क्या तेजस्वी पर कसेगा शिकंजा
ऐसे में सवाल ये उठ रहा है क्या तेजस्वी यादव फंस गये हैं. सीबीआई आधिकारिक तौर पर कुछ बोलने को तैयार नहीं है. लेकिन मामला बडा है. सीबीआई ने बुधवार को रेड डालने से पहले बहुत होमवर्क कर लिया था. सूत्र बता रहे हैं कि छापेमारी तो सिर्फ आगाज है. इसमे बडी सफलतायें हाथ लग गयी हैं. अब आगे क्या होगा इसका आकलन करना कठिन है. लेकिन तेजस्वी यादव आने वाले दिनो में मुसीबत में पडेंगे, ये तय है.