आतंकी हमले के खिलाफ छातापुर में कैंडल मार्च, यह निर्दोष लोगों पर नहीं, बल्कि पूरे भारतवर्ष की आत्मा पर हमला है: संजीव मिश्रा सीतामढ़ी में ट्रांसजेंडर से अवैध संबंध के चलते युवक की हत्या, पूजा समेत चार आरोपी गिरफ्तार Pahalgam Terror Attack: अटारी-वाघा बॉर्डर बंद होने से वापस लौट गई शैतान सिंह की बारात, बेकार गया 4 साल लंबा इंतजार IAS अधिकारी KK पाठक की बिहार से विदाई, अब केंद्र में निभाएंगे नई जिम्मेदारी Paghalgam Terror Attack: भारत इस दिन कर सकता है पाकिस्तान पर हमला, पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त का बड़ा दावा बिहार में समलैंगिक विवाह का मामला: 3 बच्चों की मां ने नाबालिग लड़की से की शादी Pahalgam Terror Attack: “चलो मंदिर चलते हैं”, कैसे भगवान शिव के आशीर्वाद ने बचा ली इस कपल की जान, पढ़कर आप भी कहेंगे “हर हर महादेव” हाजीपुर-शाहपुर पटोरी-बरौनी-मानसी के रास्ते दानापुर और सहरसा के बीच चलायी जा रही स्पेशल ट्रेन का विस्तार, 29 अप्रैल से सुपौल तक परिचालन बिहार में भीषण गर्मी का सितम: औरंगाबाद में पारा 46.2 डिग्री पार, पटना के संपतचक में 45.7 °C, रात में बारिश होने की संभावना Mohan Bhagwat: ‘पड़ोसियों को हम तंग नहीं करते लेकिन दंड देना राजा का कर्तब्य’ RSS प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान
1st Bihar Published by: Updated Wed, 23 Oct 2019 07:40:46 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: अयोध्या फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में बहस पुरी हो चुकी है. सबकी नजर आने वाले कोर्ट के फैसले पर टिकी है. ऐसे में बिहार के चर्चित आईपीएस अधिकारी रहे आचार्य कुणाल किशोर ने दावा किया है कि गुंबद के नीचे ही भगवान राम का जन्मस्थल है.
किशोर का दावा है कि भगवान श्रीराम के जन्मस्थान का वर्णन भारत की कई पांडुलिपियों में किया गया है. इनमें इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि 'सीता कूप' एवं 'सीता रसोई' के बीच श्रीराम का जन्मस्थान था और सीता कूप आज भी वहां पर मौजूद है.
आचार्य कुणाल का कहना है कि अयोध्या के स्थानीय कोर्ट ने 1950 में एक रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया था. कोर्ट के निर्देश पर शिवशंकर लाल ने इसे तैयार किया था. श्रीराम के जन्मस्थान को केंद्र में रखकर एक नक्शा भी तैयार किया था और इसे 14 मार्च 2018 को ही कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था. आशा है कि फैसला उनके पक्ष में आएगा और रामलला का मंदिर निर्माण होगा. बता दें कि कुणाल अयोध्या पर कई किताब लिख चुके हैं. वह पटना महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव भी हैं.