किशनगंज में निर्माणाधीन पुल का पाया धंसने के मामले में NHAI ने की कार्रवाई, पुल निर्माण से जुड़े 4 अधिकारियों को किया सस्पेंड

किशनगंज में निर्माणाधीन पुल का पाया धंसने के मामले में NHAI ने की कार्रवाई, पुल निर्माण से जुड़े 4 अधिकारियों को किया सस्पेंड

PATNA : बिहार में एक और बड़ा पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता दिख रहा है। किशनगंज में NH 327 E पर मेची नदी पर गोरी के पास बन रहे पुल का पाया अचानक धंस गया। इस पुल का निर्माण जीआर इंफ्रा कर रही है। इस फोरलेन सड़क के निर्माण में 2132 करोड़ रुपये खर्च हो रहा है। पुल का स्पेन धंसने के बाद निर्माण कार्य के गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गये है। किशनगंज के गलगलिया से अररिया के बीच सड़क का चौड़ीकरण हो रहा है, इस छह स्पेन के पुल के बीच का पाया धंस गया। NHAI ने इसे बेहद गंभीरता से लिया है और इसकी जांच भी शुरू कर दी है। एनएचएआई ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई की है। इस पुल के निर्माण से जुड़े 4 अधिकारियों को सस्पेंड किया है। 


NHAI के बिहार जोन के क्षेत्रीय प्रबंधक अवधेश कुमार ने इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि इस पुल का निर्माण कार्य जीआर इंफ्रा कंपनी कर रही है। इस निर्माणाधीन पुल की लागत 1500 करोड़ के करीब है। अब पुल धंसने लगी है इसकी जांच के लिए चेन्नई से एक टीम मौके पर पहुंच रही है जो जल्द ही जांच कर रिपोर्ट सौंप सौंपेगी। जिसके बाद उसी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कारवाई NHAI करेंगी।


 फिलहाल इस पुल के निर्माण कार्य से जुड़े 4 अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इधर NHAI के क्षेत्रीय प्रबंधक अवधेश कुमार मानते की कही ना कही बड़ी चुक हुई है। इसी गलती के कारण निर्माणाधीन पुल धंसा है। बता दें कि किशनगंज के बहादुरगंज से ठाकुरगंज के बीच नेशनल हाईवे 327 E पर चौड़ीकरण प्रोजेक्ट के तहत गौरीचक गांव के पास इस पुल को बनाया जा रहा है।


 किशनगंज से बहने वाली मेची नदी पर छह स्पेन वाले पुल का निर्माण कार्य चल रहा है। इसका एक स्पेन नदी में नीचे की ओर धंस गया है। इससे पहले बीते 4 जून को बिहार के सुल्तानगंज में गंगा नदी के अगुवानी घाट पर बन रहा पुल पूरी तरह ध्वस्त हो गया। उसका निर्माण 1700 करोड़ की लागत से कराया जा रहा था। पुल का निर्माण एसपी सिंगला कंपनी कर रही थी। आईआईटी रुड़की की जांच रिपोर्ट के बाद उसे पूरा तोड़कर फिर से बनाने की घोषणा सरकार ने की है। पुल को फिर से बनाने का पूरा खर्च निर्माण कंपनी को करना पड़ेगा।


मालूम हो कि, इससे पहले बिहार में खगड़िया-अगुवानी- सुल्तानगंज के बीच 1700 करोड़ से ज्यादा की रकम से बना रहा पुल गंगा नदी में समा गया था। यहां पहले पुल का एक पाया करीब 3-4 फीट तक धंस गया था। इसके बाद निर्माणाधीन पुल एक तरफ झुकना शुरू हो गया था। 10 मिनट के भीतर ही एक तरफ झुकता पुल धड़ाम से गंगा नदी में जा गिरा। तीन पाए पर टिके 30 के स्लैब नदी में समा गए हैं।


इधर,  भागलपुर में गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल के ध्वस्त होने के मामले में पटना हाईकोर्ट में याचिका भी दर्ज करवाई गई। जिसके बाद इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पुल का निर्माण करने वाली कंपनी के एमडी को भी कोर्ट में मौजूद रहने का आदेश दिया। इसके अलावा बिहार सरकार से भी पुल के ध्वस्त होने की पूरी रिपोर्ट मांगी गई।