ब्रेकिंग न्यूज़

टुनटुन साह और पूर्व मेयर सीमा साह VIP में शामिल, मुकेश सहनी बोले- अति पिछड़ों को मिलेगा हक Bihar Politics: 'सीमांचल में साम्प्रदायिक राजनीति की कोशिश में RJD-कांग्रेस’ मंत्री संतोष सुमन का बड़ा हमला Bihar Politics: 'सीमांचल में साम्प्रदायिक राजनीति की कोशिश में RJD-कांग्रेस’ मंत्री संतोष सुमन का बड़ा हमला सासाराम में इलेक्ट्रिक स्कूटी की बैटरी में ब्लास्ट, कर्मचारियों की तत्परता से शो रूम में टला बड़ा हादसा Patna Crime News: रईसजादों के निशाने पर पटना पुलिस, थार के बाद अब क्रेटा से पुलिसकर्मियों को कुचलने की कोशिश Patna Crime News: रईसजादों के निशाने पर पटना पुलिस, थार के बाद अब क्रेटा से पुलिसकर्मियों को कुचलने की कोशिश नवादा में शराब से भरी इनोवा जब्त, दो होमगार्ड गिरफ्तार, शराब तस्करी में संलिप्तता उजागर Bihar Ias Transfer: नीतीश सरकार ने कई वरिष्ठ IAS अफसरों का किया ट्रांसफर, दिया अतिरिक्त प्रभार, जानें.... Bihar Crime News: मोकामा गोलीकांड के आरोपी गैंगस्टर सोनू को हाई कोर्ट से मिली बेल, अनंत सिंह और उनके समर्थकों पर की थी कई राउंड फायरिंग Bihar Crime News: मोकामा गोलीकांड के आरोपी गैंगस्टर सोनू को हाई कोर्ट से मिली बेल, अनंत सिंह और उनके समर्थकों पर की थी कई राउंड फायरिंग

किसान आंदोलन : राष्ट्रपति के सामने विपक्ष की गुहार, नए कृषि कानून वापस लेने की मांग

1st Bihar Published by: Updated Wed, 09 Dec 2020 04:48:47 PM IST

किसान आंदोलन : राष्ट्रपति के सामने विपक्ष की गुहार, नए कृषि कानून वापस लेने की मांग

- फ़ोटो

DELHI : देशभर में नए कृषि कानून का विरोध देखते हुए अब विपक्षी दल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सामने गुहार लगाने पहुंचे हैं. विपक्षी दलों के 5 नेता राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर रहे हैं. इस मुलाकात में वह नए कृषि कानून को लेकर राष्ट्रपति के सामने पूरी स्थिति को रखेंगे. 


कांग्रेस नेता राहुल गांधी, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और सीताराम येचुरी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने वाले नेताओं में शामिल हैं.  विपक्षी नेता करीब चार बजे राष्ट्रपति भवन पहुंचेंगे और पांच बजे राष्ट्रपति से मुलाकात शुरू होगी.


सूत्रों के मुताबिक, विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति के सामने कानून को लेकर दिक्कतों को रखा जाएगा. किसानों के आंदोलन का मुख्य लक्ष्य कानूनों को वापस करवाना है. विपक्ष के मुताबिक, इस कानून से सिर्फ किसान नहीं बल्कि पूरी कृषि इंडस्ट्री पर असर पड़ रहा है. विपक्षी दलों ने कृषि कानून के मसले पर आक्रामक रुख अपनाया है और बीते दिन किसानों द्वारा बुलाए गए भारत बंद को खुला समर्थन दिया. किसानों के भारत बंद के समर्थन में करीब दो दर्जन राजनीतिक दल थे.