'खून लेकर आइए तब होगा इलाज,वरना ...', तेजस्वी के डॉक्टरों की मनमानी, PMCH में इस रोग का नहीं हो रहा इलाज

'खून लेकर आइए तब होगा इलाज,वरना ...', तेजस्वी के डॉक्टरों की मनमानी, PMCH में इस रोग का नहीं हो रहा इलाज

PATNA : बिहार में अगस्त महीने में महागठबंधन की सरकार बनी है और इस सरकार में स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी तेजस्वी यादव ने अपने कधों पर लिया है।  यही वजह है कि वो अचानक से हॉस्टिपल का औचक निरिक्षण करने पहुंच जाते हैं और डॉक्टर और कर्मियों को कड़ी करवाई करने की चेतवानी भी जारी करते हैं। लेकिन, इसके बाबजूद बिहार का सबसे बड़ा मेडिकल कॉलेजे हॉस्पिटल पीएमसीएच में मरीज बेहतर इलाज को लेकर दर- दर की ठोखर खा रहे हैं।  इतना ही नहीं अब यहां मरीजों को अपने इलाज के लिए खुद से खून का व्यवस्था करने को लेकर एक नोटिस भी जारी कर दिया है। 


दरअसल, राजधनी पटना के पीएमसीएच में खून की कमी की वजह से थेलिसिमिया पीड़ित मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां के डॉक्टर मरीजों का इलाज करने से पहले उनके जिले से ही खून लेने के लिए कहते हैं। इसको लेकर एक लेटर भी लगाया गया है जिसमें कहा गया है कि, - सभी मरीजों को यह सूचित किया जाता है कि अपने जिले के सदर अस्पताल में ब्लड बैंक से ब्लड लें। ऐसे में मरीजों को बेहद परेशानी हो रही है। 


मालूम हो कि,थेलिसिमिया एक ऐसी बिमारी है जिसमें शरीर में हिमोग्लोबिन नहीं बन पता है। ऐसे में मरीजों को एक निश्चित समय अंतराल में शारीर में खून चढाने की जरूरत पड़ती है। लेकिन, इसके बाद भी यह निर्देश मरीजों के लिए जारी कर दिया गया है। वहीं, जब इस बारे में जब पीएमसीएच अस्पताल के अधिकारीयों से बातचीत की गई तो उनका कहना है कि मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हर दिन 15-20 मरीज थेलिसिमिया के आते हैं, और अस्पताल में खून नहीं रहने की वजह से उनके इलाज में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। 


इधर,इस समस्या को लेकर इलाज कराने आयी एक मरीज की मां ने बताया कि,उनके बेटे को थेलिसिमिया बिमारी है, इस वजह से हर 15 दिन में उसे खून चढाने की जरूरत होती है, महिला बीते दो सालों से पीएमसीएच से ही खून ले रही थी, लेकिन इस बार जब खून लेने अस्पताल पहुंची तो कर्मचारियों ने खून देने से साफ़ इंकार कर दिया। महिला ने जब खूब विनती किए तब डोक्टरों ने रिप्लेसमेंट ब्लड के लिए डोनर का इंतजाम करने के लिए कहा, जब महिला ने बताया की वो आर्थिक रूप  से ज्यादा कमजोर है और किसी डोनर का इंतजाम नहीं कर सकती, इसके बाद ही डोक्टरों ने ब्लड दिया। लेकिन अगले बार से सभी थैलीसीमिया पीड़ित मरीजों को उनके जिले से ही खून लेने के लिए कहा गया है।