PATNA : नए कृषि कानून को लेकर केंद्र और किसान संगठनों के बीच वार्ता टूटने को जनता दल यूनाइटेड ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता और महासचिव केसी त्यागी ने कहा है कि केंद्र और किसान संगठनों के बीच बातचीत बेनतीजा खत्म होना, बेहद दुखद पहलू है. हालांकि त्यागी ने यह कहा है कि किसानों की आशंकाओं का निवारण बेहद जरूरी है.
ऐसे दौर में जब नए कृषि कानून को लेकर विपक्ष लामबंद है. उस दौरान बीजेपी के महत्वपूर्ण सहयोगी जनता दल यूनाइटेड ने यह स्पष्ट तौर पर कहा है कि केंद्र सरकार की तरफ से लागू किया गया. नया अध्यादेश जल्दबाजी का फैसला था. केसी त्यागी ने कहा है कि सरकार ने बगैर किसान संगठनों से बातचीत किए जल्दबाजी में अध्यादेश लागू किया. यह उनका मानना है. केसी त्यागी ने यह भी कहा है कि अगर सरकार एमएसपी समेत अन्य आशंकाओं पर लिखित में देने को तैयार है तो फिर इस आंदोलन का कोई मकसद नहीं बन जाता.
एक हिंदी न्यूज़ चैनल में लाइव डिबेट के दौरान केसी त्यागी ने कहा है कि सरकार की तरफ से जल्दबाजी में उठाया गया. इस आंदोलन के पीछे बड़ा कारण है. लेकिन फिर भी सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसानों को एमएसपी का लाभ मिलता रहे. सरकार जैसे पीडीएस सिस्टम के लिए पहले अनाज की खरीद कर दी थी, वह प्रक्रिया भी जारी रहे और अगर इस पुरानी व्यवस्था के बाद अनाज बचे. तभी प्राइवेट सेक्टर को इसमें एंट्री दी जाए.
केसी त्यागी ने यह भी कहा है कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के लिए किसानों की जमीन लीज पर ना ली जाए. इसका भी ख्याल रखा जाना चाहिए. त्यागी ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि देश में पुरानी मंडी व्यवस्था किसानों के लिए मुश्किलें पैदा करती थी लेकिन अब नई व्यवस्था से इस में सहूलियत होगी. बावजूद इसके सरकार को यह चाहिए कि वह किसान संगठनों की आशंकाओं को दूर करें.