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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 12 Feb 2024 08:27:38 AM IST
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DESK : भारत के विदेश मंत्रालय (एमईए) ने सोमवार (12 फरवरी) को एक बयान में कहा कि कतर में हिरासत में लिए गए आठ भारतीय नागरिकों की रिहा कर दिया गया है और उनमें से सात भारत लौट आए हैं। भारतीय लोगों को अगस्त 2022 में कतर में अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किया गया था और उनके द्वारा किए गए अपराधों को निर्दिष्ट किए बिना हिरासत में रखा गया था।
वहीं, कतर से लौटे पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों में से एक ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के हस्तक्षेप के बिना हमारे लिए यहां खड़ा रहना संभव नहीं था, यह भारत सरकार के निरंतर प्रयासों के कारण हुआ। एक दूसरे पूर्व भारतीय नौसेना कर्मी ने कहा कि हमने भारत वापस आने के लिए लगभग18 महीने तक इंतजार किया। हम प्रधानमंत्री के बेहद आभारी हैं। यह उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप के बिना संभव नहीं होता। हम भारत सरकार द्वारा किए गए हर प्रयास के लिए तहे दिल से आभारी हैं, उन प्रयासों के बिना यह दिन संभव नहीं होता।
दरअसल, भारतीय नागरिकों को 25 मार्च, 2023 को दायर आरोपों का सामना करना पड़ा और कतरी कानून के अनुसार कानूनी कार्यवाही से गुजरना पड़ा। नवंबर में, डहरा ग्लोबल कंपनी और कंसल्टेंसी सर्विसेज के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नाविकों को मौत की सजा दी गई थी। उस समय, भारत ने कतर के फैसले पर आश्चर्य व्यक्त किया था और अपने नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी कानूनी विकल्प तलाशने की बात कही थी।
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि भारत सरकार कतर में हिरासत में लिए गए डहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है। उनमें से आठ में से सात भारत लौट आए हैं। हम इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी को सक्षम करने के लिए कतर के फैसले की सराहना करते हैं।
उधर, 26 अक्टूबर, 2023 को कतर के एक न्यायालय द्वारा फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद से ही नौसेना के पूर्व अधिकारियों को बचाने की कोशिश भारत सरकार ने शुरू कर दी थी। यह भारत की कूटनीतिक जीत भी है।