KANPUR: गैंगस्टर विकास दुबे केस के बाद एक बार फिर से कानपुर चर्चा में बना हुआ है. इस बार एक शख्स का अपहरण हो गया. अपहरण करने वालों ने फिरौती मांगी. यह पैसा परिजनों ने जमीन और जेवरात बेचकर 30 लाख रुपए का व्यवस्था किया. इसके बाद वह पुलिस के साथ परिजन अपहरणकर्ता के पास पैसे दिए. उसके बाद भी हत्या हो गई. परिजनों ने आरोप लगाया है कि यह पैसा पुलिस खा गए. पैसा नहीं मिलने के कारण अपराधियों ने हत्या कर दी.
आईपीएस समेत 11 सस्पेंड
टेक्नीशियन संजीत के शव मिलने के बाद घर में कोहराम मच गया. परिवार ने आरोप लगाया है कि उन्होंने पुलिस की जानकारी में अपहरणकर्ताओं को तीस लाख की फिरौती दी, लेकिन फिर भी उनका बेटा नहीं बचा. जिसके बाद सरकार ने कड़ी कार्रवाई करते हुए एक आईपीएस समेत 11 लोगों को सस्पेंड कर दिया है. कानपुर की एएसपी आईपीएस अपर्णा गुप्ता को सस्पेंड कर दिया गया है. इसके अलावा, अपहरण के समय डिप्टी एसपी रहे मनोज गुप्ता, चौकी इंचार्ज राजेश कुमार समेत 5 और पुलिस अधिकारियों समेत 6 सिपाहियों को भी सस्पेंड किया गया है. चौकी इंचार्ज चरणजीत राय पहले ही सस्पेंड हो चुके हैं.
एडीजी करेंगे जांच
घटना के बारे में बताया जा रहा है कि संजीत यादव का एक माह पहले दोस्तों ने अपहरण कर लिया था. संजीत ने एक ढाबे पर शराब के नशे में बताया था कि वह अपना लैब लगाने वाला है. इसको लेकर वह पैसे की व्यवस्था कर रहा है. उसकी बात सुन दोस्तों ने शराब पिलाने के बाद अपहरण कर लिया. फिर परिजनों से फिरौती मांगने लगे. परिजनों के पास पैसा नहीं था फिर भी जमीन और बेटी के शादी के लिए रखे जेवर बेच कर पैसा जुटाया था. उसे पैसे को पुलिस के माध्यम से दिया था. गिरफ्तारी के बाद आरोपियों ने बताया कि अपहरण के चार दिन बाद ही संजीत की हत्या कर दी थी और लाश को पांडू नदी में फेंक दिया था. आरोपी ने बताया कि कुलदीप ने अपनी गर्लफ्रेंड को पत्नी बताकर रतनलाल नगर में किराए का रूम लिया था.यही पर संजीत को रतनलाल नगर में रखा था, उसे नींद और नशे का इंजेक्शन देते थे. दोस्तों को डर था कि कही संजीत इसका खुलासा न कर दे. जिसके बाद उसकी हत्या कर दी.