PATNA : विपक्ष का अधिकार है किसी बातों को रखना तो उसको रख रहे हैं। तो अब तो उनको परेशानी है ही ना जी। अब इतनी पार्टियों एकजुट हो रही है यही पटना से शुरू होकर दूसरा बैठक हुआ तीसरा भी होने वाला है। तब यह सब होने के बाद सब एकजुट होंगे और मिलकर के आगे जो कुछ भी होगा कि आगे क्या होना चाहिए किस तरह से इस देश के विकास के लिए कम होना चाहिए यह तय किया जाएगा। मुंबई की बैठक में कौन कहां से लड़ेंगे सब कुछ तय हो जाएगा। इसीलिए हम कह रहे हैं कि सब चुकी हो रहा है तो परेशान हैं लोग इसमें नया क्या है उनको परेशान रहना है तो रहे, इसमें हम लोग क्या कर सकते हैं। यह बातें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कही है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि, विश्व 24 में बीजेपी बिल्कुल साफ हो जाएगी आप लोग पक्का जान लीजिए इसलिए उनके अंदर डर बना हुआ है। इस बार एक चीज तो अच्छी तरह जान लीजिए जो हम लोग एकजुट हुए थे सब लोग अच्छी तरह से एकजुट हो गए हैं और सब लोग साथ चलने को तैयार हो गए हैं। देश के लोगों को अब अच्छी तरह मालूम चला गया है कि भाजपा के लोग केवल प्रचार प्रसार करते हैं इसके अलावा कुछ भी नहीं करते हैं। उनसे कोई काम होता है जी कोई विकास का काम हो रहा है उनसे जी।
बिहार में जो भी काम किए हैं वह हम लोग रखे हैं जी वह लोग खाली झूठे कहते रहते हैं। हर घर नल का जल हम लोग शुरू किए और कहता है कि मेरा है वह लोग अपने बोलना शुरू कर देता है आप ही लोग बोलिए उसका है कि मेरा है। घर घर बिजली पहुंचाए सब कुछ किए तो सब कमा तो हम ही ना किए जी। यहां पर तो आप लोग सब जनबे में करते हैं। विशेष राज्य का दर्जा का मांग किया तो नहीं ना किया वो लोग। विशेष राज का दर्जा मिल जाता बिहार को तो आप ही लोग सोचिए बिहार कितना आगे होता।
इसके आगे उन्होंने कहा कि, - बिहार की राजनीति में जदयू के तीसरे नंबर की पार्टी होना कहे जाने पर नीतीश कुमार ने कहा कि, 2005 में जीत है तो कितना वोट आया हमलोगों को और कितना बीजेपी को आया दूसरे दल को आया और 2010 में क्या हुआ, 118 और दूसरे को कितना आया तो कहेगा की हमहीं जादे हैं। इस बार तो हमलोग के साथ जो किया गया है हराने का किया गया है।एजेंट को खड़ा करके अपना वोट दिया और ई सब धंधा किया तो उसके कारण ने यह सब हुआ है। अब जब कभी चुनाव हो जाएगा तो फिर आपको पता चल जाएगा। जनता में मालूम है जी।
इधर, खुद के सीएम बनने पर नीतीश कुमार ने कहा कि इस बार आप जानते हैं हम स्वयं सीएम नहीं बनना चाहते थे।लेकिन, तीन-चार दिन 5 दिन लगा रहा तो उन लोगों का बात हम मान लिए फिर। लेकिन उसके बाद आप समझ लीजिए यह सब हुआ है, बोलते रहता है कुछ भी। 2009 में हम वह साथ लड़े तो हमको आया कितना 20 और वो जीते 12 तो ई सब चिजवा भूल रहे हैं न। हर चीजें को भूल रहे हैं। हम कभी चाहते थे जी की उधर जाए। अटल जी जब साथ थे तो कितना बढ़िया था। यह लोग ऐसा काम किया कि हमको जाना पड़ा। कितना दिए हैं यह लोग, जितना बोले थे उतना भी दिए हैं।लेकिन फिर भी कहते हैं कि कर सब किया है। तो अब तो हम बोलना ही छोड़ दिए हैं।