MUZAFFARPUR: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में बड़े पैमाने पर हुए तबादलों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा रद्द किए जाने के बाद इसको लेकर सियासत शुरू हो गई है। विभाग के पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता रामसूरत राय ने कहा है कि नीतीश कुमार के इस फैसले का असर जल्द ही महागठबंधन के ऊपर देखने को मिलेगा। रामसूरत राय ने कहा है कि आरजेडी और जेडीयू के बीच किसी भी वक्त तीन तलाक हो सकता है, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सिर्फ तेजस्वी के जेल जाने का इंतजार कर रहे हैं।
दरअसल, बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में पिछले दिनों 480 कर्मियों का तबादला किया गया था। करीब एक महीने बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में हुए सभी तबादलों को रद्द कर दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट शब्दों में कह दिया है कि विभाग द्वारा अनावश्यक ट्रांसफर किया गया था, महागठबंधन के विधायक इसकी शिकायत कर रहे थे, इसलिए सभी तबादलों पर रोक लगा दिया गया है। आरजेडी कोटे से आलोक मेहता इस विभाग के मंत्री हैं और उनके निर्देश पर ही सभी तबादले किए गए थे। अब जब मुख्यमंत्री ने तबादलों पर रोक लगा दिया है तो इसको लेकर सियासत शुरू हो गई है।
एनडीए की सरकार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री रहे रामसूरत राय ने तबादलों पर रोक को इसको लेकर बड़ी बात कही है। रामसूरत राय ने कहा है कि राजद और जदयू को बेमेल गठबंधन है ऐसे में दोनों के बीच किसी भी वक्त तीन तलाक हो सकता है और निकाह टूट सकता है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को जब पलटी मारने का मन होता है तो विभागों में इस तरह की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। मुख्यमंत्री इधर-उधर टाइमपास करने लगते हैं। नीतीश कुमार तो सिर्फ इंतजार कर रहे हैं कि तेजस्वी यादव कब जेल जाएं औऱ वे महागठबंधन छोड़कर भागे। लेकिन नीतीश कुमार को चाहिए कि अब वे कुर्सी का लोभ त्याग कर कहीं कुटिया बना लेना चाहिए और वहां भोलेनाथ का नाम जपना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सत्ता जब भी बदलती है तो विधायक और नेता चाहते हैं कि उनके हिसाब से अधिकारियों की पोस्टिंग हो ताकि उन्हें इसका लाभ मिल सके। निश्चित तौर पर नेताओं के दबाव में गड़बड़ियां होती हैं। सिर्फ राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में ही इस तरह की गड़बड़ियां नहीं हैं बल्कि करीब करीब सभी विभागों में इस तरह की गड़बड़ी मिल जाएगी, मुख्यमंत्री को सभी विभागों की समीक्षा करनी चाहिए लेकिन सिर्फ वे एक विभाग को ही निशाना बनाते हैं और वह राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग है। नीतीश कुमार के एक शीर्ष अधिकारी हैं जो बड़े पैमाने पर रियल एस्टेट में पूंजी लगाए हुए हैं और इस सारे खेल के पीछे उसी अधिकारी का हाथ होता है। यही विभाग जब जेडीयू के कोटे में था तब मुख्यमंत्री ने एक भी बार ट्रांसफर और पोस्टिंग को नहीं रोका था।