GOPALGANJ : बिहार में पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शिक्षा में सुधार को लेकर की गई सख्ती का असर पर दिखने लगा है। अब राज्य की शिक्षा विभाग में सुधार तो देखने को मिल ही रहा है, इसके आलावा काम में लापरवाही बरतने वाले लोगों पर कार्रवाई भी की जा रही है। इसी कड़ी में अब एक ताजा मामला बिहार के गोपालगंज शिक्षा विभाग से निकल कर सामने आ रहा हैं। जहां, लगभग आधा दर्जन लोगों कि हत्या कर दी गई है।
दरअसल, छपरा शिक्षा विभाग के आरडीडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए गोपालगंज शिक्षा विभाग के आधा दर्जन लिपिकों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। सभी निलंबित लिपिक को बंगरा डाइट और सिवान शिक्षा विभाग से संबद्ध किया गया है। निलंबित किए गए लिपिकों पर आरोप है कि उनके द्वारा कार्य में लापरवाही बरती गई और इसके साथ ही शिक्षकों के लंबित वेतन भुगतान को लेकर इनके द्वारा समय पर कार्यों का निस्तारण नहीं किया गया। इसी आरोप को लेकर एक साथ सभी लिपिकों पर यह कार्रवाई की गई है।
बताया जा रहा है कि, गोपालगंज के स्थापना डीपीओ मोहम्मद जमालुद्दीन ने स्थापना विभाग के 6 क्लर्क को सस्पेंड करने की अनुशंसा की थी। यह अनुशंसा छपरा के आरडीडी यानी रीजनल डिप्टी डायरेक्टर को किया गया था। इसी अनुशंसा के आलोक में छपरा आरडीडी ने यह कार्रवाई की है। गोपालगंज शिक्षा विभाग के स्थापना विभाग में कार्यरत लिपिक राजेश कुमार सिन्हा, सुरेश चौधरी, धीरज कुमार, विकास कुमार प्रसाद, ओम प्रकाश यादव और मुकुल कुमार सिंह शामिल है।
गौरतलब हो क, राज्य में आये दिन विपक्षी दलों द्वारा इस बात को लेकर सवाल किया जाता है कि बिहार कि शिक्षा विभाग अपने काम में कोताही बरती जा रही है। जिसके बाद इसको लेकर सरकार काफी सख्त हो गई है। राज्य सरकार द्वारा इसमें सुधार को लेकर तरह- तरह के उपाय किए जा रहे हैं। जिसके बाद अब यह मामला सामने आया। जिसके बाद अब यह भरोसा जताया जा रहा है कि, शिक्षा विभाग से जुड़े लोग अपने काम में कोताही नहीं बरतेंगे।