PATNA : बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक राज्य की शैक्षणिक व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने में जुटे हैं। इसके लिए वह खुद राज्य के विभिन्न स्कूलों और प्रशिक्षण संस्थानों में औचक निरीक्षण करने पहुंचते हैं। इसी सिलसिले में अब के के पाठक के निर्देश पर विभिन्न कॉलेजों और स्कूलों के निरीक्षण का टास्क फाॅर्स तैयार किया गया है। इस कार्य को पूरा करने के लिए 39 अधिकारियों की टीम तैयार की गई है। अब इस टीम ने निरीक्षण का कार्य शुरू कर दिया है।
दरअसल, शिक्षा विभाग ने इन उच्च शिक्षा संस्थानों के निरीक्षण के लिए रोस्टर जारी किया है। जिसके तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), बिहार प्रशासनिक सेवा (BAS) और बिहार शिक्षा सेवा (BES) के 39 अधिकारियों ने विभिन्न कॉलेजों और स्कूलों में जाकर निरीक्षण करना शुरू कर दिया है। यह निरीक्षण 2 मार्च तक चलेगा। निरीक्षण के बाद इन अधिकारियों को एक पीपीटी भी तैयार कर शिक्षा विभाग को जमा करना होगा।
मिली जानकारी के अनुसार, विभागीय सचिव बैद्यनाथ यादव को अररिया और बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक बी. कार्तिकेय धनजी को पश्चिम चंपारण, विशेष सचिव सतीश चन्द्र झा को बांका, माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव को सहरसा, प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्रा को किशनगंज, शोध और प्रशिक्षण निदेशक सज्जन आर. को कटिहार,अपर सचिव संजय कुमार को खगड़िया, इसके अलावा अन्य बचे जिलों की जिम्मेदारी बिहार प्रशासनिक सेवा और बिहार शिक्षा सेवा के अधिकारियों को सौंपी गई है।
आपको बताते चलें कि, केके पाठक ने जून 2023 में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पद संभाला था। तब से लेकर अब तक शिक्षा विभाग की ओर से 200 से ज्यादा पत्र जारी किये जा चुके हैं। ये सभी पत्र छात्रों और शिक्षकों की उपस्थिति बढ़ाने और शिक्षा व्यवस्था में सुधार से संबंधित हैं। के के पाठक ने स्कूल-कॉलेजों के निरीक्षण पर अधिक जोर दिया है। इसी सिलसिले में यह नया निरीक्षण अभियान शुरू किया गया है। ताकि स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता, छात्रों की उपस्थिति, शिक्षकों की उपस्थिति और बुनियादी ढांचे की स्थिति का आकलन किया जा सके। इस आकलन के बाद सभी अधिकारी एक पीपीटी तैयार कर विभाग को देंगे।