केके पाठक ने चेताया: नौकरी करनी है तो बच्चों को पढ़ाइये वरना बाहर करने में देर नहीं होगी, अरवल के सरकारी स्कूलों में अचानक पहुंचे

केके पाठक ने चेताया: नौकरी करनी है तो बच्चों को पढ़ाइये वरना बाहर करने में देर नहीं होगी, अरवल के सरकारी स्कूलों में अचानक पहुंचे

ARWAL :  बिहार के अरवल जिले के चार सरकारी स्कूलों में आज शिक्षकों की सांसें अटक गयी. बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक अरवल जिले के चार सरकारी स्कूलों का निरीक्षण करने खुद पहुंच गये. केके पाठक में क्लासरूम में जाकर छात्रों से फीडबैक लिया, रजिस्टर चेक किया और फिर शिक्षकों को चेतावनी दी-नौकरी करनी है तो बच्चों को ठीक से पढ़ाइये, वर्ना नौकरी से बाहर निकालने में कोई देर नहीं होगी. 

गुरूवार को अरवल के शिक्षा विभाग के पदाधिकरियो को अचानक खबर दी गयी कि केके पाठक वहां पहुंच रहे हैं. के के पाठक के आने की खबर मिलते ही  शिक्षकों और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया. दरअसल केके पाठक ने पहले ही चेतावनी दे रखी है कि सरकारी स्कूलों में गड़बड़ी पकड़ी गयी तो न सिर्फ शिक्षक बल्कि शिक्षा विभाग के अधिकारी भी नपेंगे. 

शिक्षकों को लगायी फटकार

केके पाठक आज अरवल के सदर प्रखंड के मध्य विद्यालय सकरी चौकी, मध्य विद्यालय रसीदपुर, जिए हाई स्कूल अरवल और बालिका उच्च विद्यालय का निरीक्षण किया. उन्होंने क्लास रूम में जाकर छात्र-छात्राओं से बात की. उसके बाद सभी स्कूलों के रजिस्टरों की जांच की गयी. किसी स्कूल में बच्चों की उपस्थिति बेहतर नहीं थी.  वहीं, जांच के दौरान स्कूल प्रशासन के काम में कई तरह की गड़बड़ियां पायी गयीं. इसके बाद केके पाठक ने शिक्षकों को जमकर फटकार लगायी. उन्होंने कहा कि अगर शिक्षक बच्चों को सही से नहीं पढा सकते तो उन्हें नौकरी में रहने का कोई अधिकार नहीं है. 

गड़बड़ी की तो नौकरी जायेगी

केके पाठक ने कहा कि शिक्षक सिर्फ ये नहीं समझे कि जांच में अनुपस्थित पाए जाने पर सिर्फ वेतन ही कटेगा. बल्कि ऐसे शिक्षकों के खिलाफ आगे की कार्रवाई भी की जाएगी. लगातार गड़बड़ी करने वाले शिक्षकों की नौकरी जायेगी. उन्होंने विद्यालय प्रशासन को साफ-सफाई, शौचालय, मिड-डे मील और पठन-पाठन की व्यवस्था को दुरूस्त करने का भी निर्देश भी दिया. उन्होंने कहा कि मिड-डे मिल में बच्चों को हर हाल में गुणवत्ता वाला खाना मिले, इसे सुनिश्चित करना होगा. 

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने बालिका शिक्षा विभाग के अधिकारियों को विद्यालयों के छात्रावास को एक सप्ताह के अंदर चालू कराने का निर्दश दिया. उन्होंने कंप्यूटर क्लास को नियमित रूप से चलाने का भी निर्देश दिया.