PATNA : शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। पहले मंत्री से इनका विवाद काफी सुर्खियों में रहा है। सत्तारूढ़ दल के कई विधायक इनके ऊपर एक्शन लेने की मांग करने लगे तो वहीं पाठक को न्यायालय के अवमानना के मामले में वारंट जारी कर दिया। जिसके बाद अब इस मामले को लेकर पाठक सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं।
दरअसल, पाठक के ऊपर एक मामले में कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने के बाद जमानती वारंट जारी कर दिया। करीब 7 साल से चल रहे एक मामले में ये आदेश जारी किया गया। कोर्ट की तरफ से उन्हें कई बार उपस्थित होने का आदेश दिया जा रहा था, लेकिन वो उपस्थित नहीं हो रहे थे। जिसके बाद पटना हाई कोर्ट ने जमानती वारंट जारी कर दिया। ऐसे में अब पाठक इस ममाले को लेकर ऊपरी अदालत में अपनी गुहार लगाई है। के के पाठक ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया है।
बताया जा रहा है कि, पाठक पटना हाई कोर्ट के एक मामले में करीब सात साल से वो कोर्ट के आदेश को नहीं मान रहे हैं और जब कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया तो वो कोर्ट भी नहीं आये। इसी केश के मामले में गुरुवार को भी उन्हें कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया था, लेकिन वो उपस्थित नहीं हुए। कोर्ट का कहना है कि वो साढ़े सात साल से अदालती आदेश की अवमानना कर रहे हैं और जब कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया तो नहीं पेश हुए। जिसके बाद उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया गया और 20 जुलाई को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है। इससे पहले अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है।
आपको बताते चलें कि, बिहार सरकार के तरफ से पाठक के तरफ से अवमानना ममाले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। यह पूरा मामला एक शिक्षक के तरफ से दायर याचिका से जुड़ा हुआ है। जिसमें पटना हाई कोर्ट 2016 से ही पाठक को कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया था। लेकिन, पाठक खुद उपस्थित नहीं हो रहे थे। जिसके बाद 13 जुलाई को कोर्ट ने इस मामले में जमानती वारंट जारी कर पाठक को 20 जुलाई को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा था।