जस्टिस राकेश कुमार के फैसले के बाद हाईकोर्ट में हड़कंप, चीफ जस्टिस के साथ बैठी 11 जजों की फुल बेंच, सस्पेंड किया गया जस्टिस का आदेश

जस्टिस राकेश कुमार के फैसले के बाद हाईकोर्ट में हड़कंप, चीफ जस्टिस के साथ बैठी 11 जजों की फुल बेंच, सस्पेंड किया गया जस्टिस का आदेश

PATNA: न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को लेकर जस्टिस राकेश कुमार के कल आदेश से हाईकोर्ट में हड़कंप मच गया है. आज आनन फानन में चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में 11 जजों की फुल बेंच बैठी. फुल बेंच ने जस्टिस राकेश कुमार के आदेश को सस्पेंड कर दिया है. https://youtu.be/KTQeKSo0tsI हाईकोर्ट में हड़कंप जस्टिस राकेश कुमार के कल के फैसले की खबर लोगों के बीच जाते ही आज हाईकोर्ट में हड़कंप मच गया. आज कोर्ट पहुंचते ही चीफ जस्टिस ने उनके पूरे फैसले की कॉपी मांगी. फैसले को देखने के बाद हाईकोर्ट की फुल बेंच में इस पर विचार करने का फैसला हुआ. हाई कोर्ट के 11 जजों की फुल बेंच बैठी और उसमें जस्टिस राकेश कुमार के फैसले पर व्यापक चर्चा हुई. उसके बाद उनके फैसले को सस्पेंड करने का निर्णय लिया गया. फुल बेंच के मुताबिक जस्टिस राकेश कुमार का फैसला गलत है और इससे हाईकोर्ट की प्रतिष्ठा गिरी है. जस्टिस राकेश ने दिया था ऐतिहासिक फैसला हाईकोर्ट के इतिहास में पहली दफे कल किसी जज में न्यायपालिका के खिलाफ क़ड़ी टिप्पणी की थी. जस्टिस राकेश कुमार ने कल अपने फैसले में लिखा था कि हाईकोर्ट प्रशासन भ्रष्ट जजों को संरक्षण देता है. भ्रष्टाचार का आरोप साबित होने के बावजूद पटना के एक एडीजे की बर्खास्तगी नहीं हुई. क्योंकी हाईकोर्ट के चार जज एडीजे के पक्ष में खड़े हो गये थे. पटना के सिविल कोर्ट में घूस मांगते कर्मचारियों का स्टिंग ऑपरेशन हुआ लेकिन भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारियों के खिलाफ आज तक कार्रवाई नहीं हुई. उनके खिलाफ केस तक दर्ज नहीं किया गया. जस्टिस राकेश कुमार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था. रिटायर्ड आई ए एस के पी रमैया के मामले में की थी तल्ख टिप्पणी जस्टिस राकेश कुमार ने रिटायर्ड IAS के पी रमैया के खिलाफ दर्ज मामले में कड़ी टिप्पणी की थी. रमैया की अग्रिम जमानत की अर्जी हाईकोर्ट से खारिज कर दी गयी थी. सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें राहत नहीं मिली फिर भी वे खुलेआम घूमते रहे. पटना सिविल कोर्ट ने उन्हें बेल दे दिया. जस्टिस राकेश ने कई और संगीन मामले उठाये थे जस्टिस राकेश ने अपने पूरे फैसले की कॉपी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, कॉलेजियम, पी एम ओ, कानून मंत्रालय और सीबीआई निदेशक को भेजने का आदेश दिया था. उनका कहना था कि जज सरकारी बंगले के रख रखाव पर फिजूलखर्ची कर रहे हैं. टैक्स पेयर्स के करोड़ों रूपयों को जजों के बंगले की साज सज्जा में खर्च किया जा रहा है.