DELHI: जेपी नड्डा बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए हैं। जेपी नड्डा का निर्वाचन निर्विरोध हुआ। नाम की घोषणा होने के बाद अमित शाह ने उन्हें गुलदस्ता भेंट कर बधाई दी। नड्डा के बीजेपी का अध्यक्ष बनने के बाद बीजेपी मुख्यालय में पीएम नरेंद्र मोदी पहुंचे और उन्होंने वहां जेपी नड्डा को बधाई देने के साथ साथ कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। वहीं इस मौके पर बिहार के नेताओं ने भी नये बीजेपी अध्यक्ष का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी और बिहार बीजेपी के अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने उन्हें गुलदस्ता भेंट कर बधाई दी। इस मौके पर सारे बिहारी सांसद भी मौजूद थे। चुनावी साल में बिहार को इस बिहारी अध्यक्ष से काफी सारी उम्मीदें हैं।
जेपी नड्डा मूल रुप से बिहार के नहीं होकर भी बिहारी हैं।उनका जन्म बिहार की राजधानी पटना में ही हुआ है।पटना में उन्होनें पढ़ाई-लिखाई की और छात्र राजनीति की शुरुआत भी उन्होनें यहीं से किया।भले ही बाद में पिताजी के रिटायरमेंट के बाद वे अपने मूल राज्य हिमाचल प्रदेश लौट गए फिर आगे का सफर वहीं से तय किया।
नए अध्यक्ष की ताजपोशी के साथ ही अब उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनाव का सामना करना है जहां बीजेपी की सबसे बड़ी चुनौती दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल मौजूद है तो साल के अंत में उन्हें बिहार चुनाव में लालू यादव की पार्टी का सामना करना है। बिहार से स्वाभाविक रुप से जुड़े नड्डा बखूबी जानते हैं कि बिहार के राजनीति की राह टेढ़ी-मेढ़ी है। नड्डा ने अध्यक्ष पद की कमान संभालते हुए कह दिया कि देश में सबसे मजबूत पार्टी बीजेपी है। सबसे ज्यादा सांसद और विधायक हमारे पार्टी से हैं। हम रुकने वाले नहीं हैं। उन्होनें एलान कर दिया है कि आने वाले समय में पूरे भारत में भाजपा के कमल को हम पहुंचाएंगे।
अब बिहार में चुनावी साल हैं । बिहार से खास या यूं कहें तगड़ा कनेक्शन रखने वाले जेपी नड्डा से बिहार बीजेपी को ज्यादा बड़ी उम्मीदें हैं। बिहार में पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह से बीजेपी ने अपनी बड़ी राजनीतिक जमीन तैयार की है। उसे बरकरार रखना तो नड्डा के सामने बड़ी चुनौती के रुप में होगी ही। साथ ही साथ बिहार में अपने सहयोगियों को साथ लेकर सीटों का तालमेल बनाना भी कम चुनौतीपूर्ण नहीं होगा। बिहार एनडीए में बड़ा भाई-छोटा भाई की जंग हमेशा चलती रही है। विधानसभा और लोकसभा चुनावों में ये मुद्दा बार-बार उठता रहा है।
हालांकि जेपी नड्डा के बीजेपी का अध्यक्ष बनते ही बिहार NDA के लिए अच्छी खबर सामने आयी है। जहां दिल्ली चुनाव में बीजेपी ने बिहार के अपने सहयोगियों जेडीयू और एलजेपी के लिए सीटें छोड़ी है। जेडीयू को बीजेपी ने जहां दो सीटें दी हैं वहीं एलजेपी को भी एक सीट पर चुनाव लड़ने का मौका मिला है। इसके मायने भी लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी अब अपने पुराने गलतियों से सबक ले रही है। बीजेपी को क्षेत्रीय पार्टियों को तरजीह न देना महंगा पड़ गया था। महाराष्ट्र में शिवसेना साथ छोड़ गयी तो झारखंड में आजसू हाथ से निकल गयी। इन गलतियों से सबक ले बीजेपी बिहार में इसे नहीं दोहराना चाहेगी। दिल्ली में सीटें देकर नड्डा के नेतृत्व में बीजेपी ने इसके संकेत भी दे दिए हैं।