PATNA: दलित विधायकों के गोलबंदी मामले पर रामविलास पासवान के बयान का जीतन राम मांझी ने स्वागत किया है. बताया जा रहा है कि आरक्षण के बहाने ही मांझी एनडीए के नजदीक आ रहे हैं. इसलिए वह पासवान की ताारीफ कर रहे हैं. मांझी ने कहा कि देर से ही सही पर दलितों के लिए रामविलास पासवान की नींद तो टूटीं. 22 जून की हमारी बैठक में रामविलास पासवान शामिल होकर हमारे आंदोलन को मज़बूत करें.
मांझी ने संघर्ष मोर्चा का किया गठन
जीतन राम मांझी ने बिहार विधानमंडल अनुसूचित जाति/जनजाति आरक्षण बचाओ संघर्ष मोर्चा का गठन किया है. इसमें बिहार विधानसभा और विधान परिषद के सारे अनुसूचित जाति के विधायकों को गोलबंद करने की कवायद की जा रही है. मैसेज ये दिया जा रहा है कि केंद्र की मौजूदा बीजेपी सरकार आरक्षण विरोधी है. मांझी का मोर्चा ये दावा कर रहा है कि देश भर के SC और ST विधायकों को गोलबंद कर आरक्षण के पक्ष में मोर्चा खोला जायेगा. मांझी ने कल कांग्रेस विधायक अशोक कुमार के घर इस मोर्चा की बैठक बुलायी थी लेकिन जेडीयू के दो प्रमुख मंत्रियों ने इससे कन्नी काट लिय़ा. उधर आरजेडी के विधायकों ने अलग मोर्चा खोल लिया है.
रामविलास ने दिया था ये बयान
रामविलास पासवान ने कल कहा था कि आरक्षण के मुद्दे पर बार बार विवाद उठता रहता है. आरक्षण, बाबा साहेब आंबेडकर और महात्मा गांधी के बीच हुए पूना पैक्ट की उपज है. इसपर सवाल उठाना, पूना पैक्ट को नकारना है. मंडल कमीशन पर फैसला में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अनुसूचित जाति/जनजाति के मामले का संबंध अस्पृश्यता से है. संविधान के मुताबिक अनुसूचित जाति/जनजाति पहले से ही पिछड़ा है. संविधान में प्रदत्त अधिकारों के तहत न सिर्फ अनुसूचित जाति/जनजाति बल्कि अन्य पिछड़े वर्ग और ऊंची जाति के गरीब लोगों को भी आरक्षण दिया गया है. लोक जनशक्ति पार्टी सभी राजनीतिक दलों से मांग करती है कि पहले भी आप सभी इस सामाजिक मुद्दे पर साथ देते रहे हैं, फिर से इकठ्ठा हों. बार बार आरक्षण पर उठने वाले विवाद को खत्म करने के लिए आरक्षण संबंधी सभी कानूनों को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए मिलकर प्रयास करें.