PATNA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में सात घटक दलों वाले महागठबंधन की सरकार चला रहे हैं। सत्ताधारी गठबंधन में भले ही कई छोटे-बड़े दल शामिल हैं लेकिन सरकार का एजेंडा नीतीश कुमार ही तय करते हैं। यही वजह है कि पिछले दिनों शराबबंदी कानून को लेकर नीतीश कुमार के ऊपर घटक दलों ने सवाल खड़े करने शुरू किए और खुद उनकी पार्टी के अंदर से भी इस मामले पर आवाज उठी। लेकिन अब नीतीश कुमार के ऊपर आरक्षण के सवाल पर दबाव बढ़ता जा रहा है पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार पर बिहार में आरक्षण की हिस्सेदारी को लेकर बड़ी मांग रख दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार को नसीहत दी है कि वह पड़ोसी राज्य झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सीख लें। जीतन राम मांझी दरअसल झारखंड में 77 फ़ीसदी आरक्षण के फैसले को लेकर नीतीश कुमार के सामने अपनी बात रख रहे हैं। मांझी ने कहा है कि जब आरक्षण का दायरा पड़ोसी राज्य झारखंड में बढ़ गया है तो हमें पीछे नहीं रहना चाहिए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तुरंत इस मामले में पहल करनी चाहिए। जिसकी जितनी संख्या है उसको उसी हिसाब से हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। मांझी ने कहा है कि बिहार में आबादी के हिसाब से आरक्षण लागू कर नीतीश कुमार एक नजीर पेश करें।
आपको याद दिला दें कि झारखंड में हेमंत सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए आरक्षण की सीमा 77 फ़ीसदी तक कर दी है। हेमंत सरकार के इस फैसले की हर तरफ चर्चा हो रही है, हालांकि इस पर संवैधानिक की जानकार अलग-अलग राय रख रहे हैं। इसके बावजूद झारखंड में लागू की गई इस नई व्यवस्था के बाद बिहार में भी आरक्षण का दायरा बढ़ाने की मांग उठने लगी है। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों जातीय जनगणना कराने का फैसला किया था। कई राजनीतिक दल ऐसे हैं जो जातीय जनगणना के आधार पर आरक्षण की हिस्सेदारी की मांग कर रहे हैं। मांझी ने झारखंड सरकार के फैसले के बाद नीतीश कुमार से भी इसी दिशा में पहल की मांग रखी है।