मांझी ने अब नीतीश को फंसाया, पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल बढ़ाने की मांग

मांझी ने अब नीतीश को फंसाया, पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल बढ़ाने की मांग

PATNA : बीते हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसने वाले पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फंसा दिया है. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने बिहार में पंचायत चुनाव नहीं होने की स्थिति में पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल बढ़ाने की मांग रखी है. जीतन राम मांझी ने कहा है कि बिहार में मौजूदा स्थिति को देखते हुए कम से कम छह महीनों के लिए पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल बढ़ा दिया जाना चाहिए. 


जीतन राम मांझी ने अब से थोड़ी देर पहले ट्वीट करते हुए लिखा है "कई बार आपातकाल के दौरान लोकसभा के कार्यकाल को संविधान के आर्टिकल 352 के तहत बढ़ा दिया जाता है. कोरोना वायरस संकट को देखते हुए नीतीश कुमार से आग्रह है कि पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल कम से कम 6 माह के लिए बढ़ा दिया जाए, जिससे ग्रामीण इलाके का विकास कार्य चलता रहे."


जीतन राम मांझी ने अपने ट्वीट से साफ कर दिया है कि वह मुखिया और सरपंच के साथ खड़े हैं. आपको बता दें कि कोरोना वायरस बात की उम्मीद अब खत्म हो चुकी है कि बिहार में पंचायत चुनाव समय पर होंगे. लेकिन सरकार पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल विस्तार करेगी. इसे लेकर संशय है. ऐसे में जीतन राम मांझी ने सरकार के सामने बड़ी मांग रखकर पेंच फंसा दिया है. 


इसके पहले बीजेपी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा था. रामकृपाल यादव ने सीएम नीतीश को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि कोरोना वायरस के दौर में ग्रामीण विकास कार्य बाधित ना हो, इसलिए पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल फिलहाल बढ़ा दिया जाए.


लगातार सरकार के अंदर खाने से यह खबर आ रही है कि पंचायत चुनाव नहीं होने की स्थिति में प्रशासनिक पदाधिकारियों को पंचायती राज व्यवस्था से जुड़े अधिकार दिए जा सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो चुनाव नहीं होने की स्थिति में राज्य के पंचायती राज प्रतिनिधियों की भूमिका खत्म हो जाएगी. अब जीतन राम मांझी ने भी अपनी इस मांग से सरकार के ऊपर दबाव बढ़ा दिया है. देखना होगा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने सहयोगी मांझी की इस बात को कितनी तरजीह देते हैं.