PATNA: बिहार में अनाज पर सियासत गरमा गयी है। अब सहयोगी दल ही आपस में उलझने लगे हैं। एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान के आरोपों पर अब जेडीयू ने बड़ा हमला बोला है। जेडीयू ने चिराग पासवान के आरोपों को सिरे से नकारते हुए झूठ बोलने तक बात कह दी है।
जेडीयू नेता और बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने चिराग पासवान पर हमला बोलते हुए कहा है कि चिराग पासवान को कोरोना संकट की इस घड़ी में राजनीति करने से बाज आना चाहिए। उन्होनें कहा कि चिराग पासवान ने अनाज वितरण के संबंध में न तो बिहार सरकार को कोई पत्र ही लिखा है या फिर सूचना दी है। बिहार सरकार ने तो पहले ही फैसला कर लिया था कि जिनके पास राशन कार्ड नहीं भी है तो सरकार उन्हें भी अनाज देगी। अशोक चौधरी ने उन्हें एलांयस की गरिमा बरकरार रखने की नसीहत भी दी।
दरअसल लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान के उस बयान के बाद बिहार की राजनीति अनाज के मुद्दे पर गरमा गयी है जिसमें उन्होनें कहा है कि बिहार के 14.5 लाख लोग लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जा रही राशन सुविधा का लाभ नहीं हासिल कर पा रहे हैं क्योंकि अभी उन्हें राज्य सरकार से राशन कार्ड नहीं मिल पाया है । चिराग पासवान ने अपने ट्वीट में कहा कि केंद्र सरकार के निरंतर प्रयासों के बाद भी बिहार सरकार ने अभी तक सूची नहीं भेजी है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में केंद्र सरकार ने तमाम प्रदेशों से बचे हुए लगभग 39 लाख राशन कार्ड धारकों की सूची जल्द भेजने को कहा है जिसमें लगभग 14.5 लाख बिहार के लाभार्थी हैं ।
लोजपा अध्यक्ष ने कहा कि इसके कारण बिहार के इन गरीब लोगों को राशन मुहैया कराने में परेशानी बनी हुई है। चिराग की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब उनके पिता एवं खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने राज्यों से इन लोगों को राशन कार्ड उपलब्ध कराने को कहा है ताकि उन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का लाभ मिल सके। लोजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘मुझे विश्वास है जल्द नीतीश कुमार इस पर कदम उठाएंगे।’
इधर इस पूरे मुद्दे पर बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी सामने आ गये हैं। तेजस्वी यादव के ट्वीट करते हुए लिखा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अनाज का स्टॉक कर रहे हैं। तेजस्वी ने तंज कसते हुए कहा कि नीतीश कुमार जानते हैं कि अभी अगर वे अनाज बांट देंगे तो जनता भूल जाएगी। इसलिए वे अनाज का स्टॉक जुटा रहे हैं कि ताकि चुनावों से पहले उसे बांट कर वोट बटोर सकें। तेजस्वी ने रामविलास पासवान के बयानों को अधार बनाया है जिसमें उन्होनें कहा है खाद्य सुरक्षा काननू के तहत बिहार में 8.71 करोड़ लाभार्थी होने चाहिए जबकि हैं 8.57 करोड़ लोग। इसका मतलब ये हुआ कि राज्य में क़रीब 14 लाख ग़रीब ऐसे हैं जिन्हें इस कानून के तहत मिलने वाले सस्ते अनाज का फ़ायदा नहीं मिल रहा है।