CHAMPARAN : यह एक कहावत है कि ' नीम हकीम खतरा-ए-जान' आज यह कहावत एक बार फिर से यह चरितार्थ होते दिखी। दरअसल, बिहार के पश्चिम चंपारण जिला अंतर्गत भैरोगंज का झोलाछाप डाक्टर ने चार महिलाओं का गर्भाशय ही निकाल लिया। डॉक्टर ने यह कारनामा कर अपने सहकर्मी को साथ ले गांव से फरार भी हो गया। इधर, मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस-प्रशासन ने उसकी अवैध क्लीनिक को सील तो कर दिया है लेकिन, इस तरह का कारनामा अपने आप में व्यवस्था की कोताही को उजागर कर देता है।
बताया जा रहा है कि, भैरोगंज बाजार में एक क्लीनिक का संचालन हो रहा था। जहां नड्डा निवासी जोखू मुशहर पत्नी पूनम देवी (30), नड्डा निवासी मोहन बीन की पत्नी रंजू देवी (30), जुड़ा पकड़ी निवासी कृष्णनंदन राउत की पत्नी सुमन देवी (39) और जुड़ा पकड़ी निवासी अनिल चौधरी की पत्नी शोभा देवी (30) का गर्भाशय निकाला गया है। इनलोगों की शिकायत है कि झोलाछाप चिकित्सक ने उन सभी से 10 से 12 हजार रुपये भी ऐंठ लिए। अवैध क्लीनिक पर न तो कोई बोर्ड लटका था और न ही डाक्टर के नाम-पता का उल्लेख था। ।
इस बात की पोल उस समय खुला, जब शनिवार शाम वहां छापेमारी हुई तो पांच महिलाएं भर्ती मिलीं। उनमें से चार पेट में दर्द और गैस की शिकायत लेकर पहुंची थीं। क्लीनिक में भर्ती कर एक-दो दिन के भीतर उनका गर्भाशय निकाल दिया गया। एक महिला का प्रसव के लिए आपरेशन हुआ है। इधर, इस मामले में बगहा-एक पीएचसी के प्रभारी डा. एसएन महतो ने बताया कि सभी महिलाओं को बगहा स्थित अनुमंडल अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। अनुमंडलीय अस्पताल के डा. विजय कुमार के अनुसार, जिन महिलाओं का गर्भाशय निकाला गया है, उन्हें बेतहर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है और वे सभी खतरे से बाहर हैं।
वहीं, झोलाछाप चिकित्सक तोनवा त्रिभौनी का निवासी बताया जा रहा। भैरोगंज थाना क्षेत्र के नड्डा निवासी व्यक्ति के घर में वह अवैध क्लीनिक चला रहा था। वहां से आपरेशन करने वाले उपकरणों के साथ दवा, चौकी आदिक मिले हैं। अज्ञात संचालक व मकान मालिक के विरुद्ध भैरोगंज थाना में प्राथमिकी हुई है। एसडीएम डा. अनुपमा सिंह का कहना है कि दोषियों को चिह्नित कर दंडित किया जाएगा