DHANBAD : झारखंड के धनबाद में उस समय काफी अफरा-तफरी मच गई। जब करमाटांड़ के हुचूकटांड़ में फुड प्वाइजनिंग के कारण रात 10 बजे के बाद एसएनएमएमसीएच की इमरजेंसी का नजारा बदल गया। यहां मरीजों के आने का सिलसिलाइस कदर शुरू हुआ कि महज आधा घंटे में इमरजेंसी के सभी बेड मरीजों से फुल हो गये। अचानक इतने मरीजों के पहुंचने के कारण स्वास्थ्यकर्मियों को भी काफी परेशानी उठानी पड़ी। हर एक मिनट पर मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होती जा रही थी।
दरअसल, जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल SNMMCH में अचानक मरीजों की बाढ़ सी आ गईं। देखते ही देखते सैकड़ो मरीज अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर गए। इमरजेंसी वार्ड के बाहर और अंदर हर तरफ सिर्फ को सिर्फ मरीज ही नजर आ रहे थे। फर्श से इमरजेंसी तक चारों तरफ मरीज ही मरीज नजर आ रहे थे। मरीजों में दो साल के बच्चे से लेकर बड़े बुजुर्ग सभी शामिल थे।
बताया जा रहा उल्टी करते हुए मरीज एसएनएमएमसीएच पहुंच रहे थे. पूरा इमरजेंसी परिसर बच्चों, महिलाओं व युवाओं के चीख-पुकार से दहल उठा इमरजेंसी में बेड फुल होने के कारण जिसे जहां जगह मिली, वहीं बैठ गया। जिसके बाद डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मियों ने जमीन पर ही मरीजों का इलाज शुरू किया. इमरजेंसी के अंदर पैर रखने की जगह नहीं मिली तो मरीज बाहर बैठ गये। कई मरीजों का बाहर ही इलाज शुरू किया गया।
वहीं, इमरजेंसी में अत्यधिक मरीजों की संख्या को देखते हुए एसएनएमएमसीएच के हॉस्टल में रह रहे सीनियर रेजिडेंट व जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों को बुलाया गया। रात करीब 11.30 बजे 10 से ज्यादा एसआर व जेआर डॉक्टर इमरजेंसी पहुंच गये और मरीजों का इलाज शुरू किया। मरीज जहां पड़े हुए थे। डॉक्टर उन्हें स्लाइन समेत अन्य दवा देने में जुट गए।
इधर, इस घटना को लेकर यह कहा जा रहा है कि,चाट -चाउमीन और ठेले पर बेचे जा रहे सामानों के खाने के बाद ही लोगों की तबियत बिगड़ी है।तबियत बिगड़ने के बाद आनन फानन में लोगों SNMMCH अस्पताल लाया गया।SNMMCH में डॉक्टरों की टीम लगाई गई। सभी सबसे पहले स्लाइन और इंजेक्शन की डोज दी गई।SNMMCH के अलावे सैकडों मरीजों का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है। मिली जानकारी के अनुसार दर्जन भर मरीजों की हालत चिंताजनक बताई जा रही है।