RANCHI: झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कौन होगा इसको लेकर राजनीति तेज हो गयी है. राज्य विधानसभा न्यायादेश की प्रति मिलने का इंतजार कर रहा है. इसके बाद ही सचिव आगे निर्णय लेंगे. शुक्रवार को हाई कोर्ट के निर्देश की कॉपी मिलने की संभावना है.
राज्य में नेता प्रतिपक्ष को लेकर अब तक पहेली बना हुआ है. पंचम विधानसभा ने लगभग साढ़े तीन वर्ष अपने कार्यकाल के पूरे कर लिए हैं. ऐसे में शेष बचे डेढ़ सालों के कार्यकाल के लिए नेता प्रतिपक्ष कौन होगा यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है. इन सबके बीच इस मामले में झारखंड हाई कोर्ट द्वारा दिए निर्देश गए, जिसके बाद से सबकी नजरें विधानसभा पर टिकी हुई हैं.
गौरतलब हो कि हाई कोर्ट का निर्देश आते ही नेता प्रतिपक्ष के मुद्दे पर सियासत तेज हो गई है. पूर्व CM बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष का मुद्दा सरकार के इशारे पर विधानसभाध्यक्ष के द्वारा लटकाया गया है. JVM का बीजेपी में मर्जर की मान्यता जिस चुनाव आयोग के द्वारा दिया गया है, उसे भी सरकार मानने को तैयार नहीं है.