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RANCHI : झारखंड में जनता का जनादेश अब साफ तौर पर दिखने लगा है। झारखंड के वोटर्स ने हेमंत सरकार के लिए जनादेश दिया है। रघुवर सरकार को सत्ता से दूर कर जनता ने बीजेपी को तो झटका दिया ही है साथ ही साथ बिहार के दिग्गजों को भी नकार दिया है। बिहार में बीजेपी के साथ एनडीए में शामिल जनता दल यूनाइटेड और लोक जनशक्ति पार्टी का खाता तक नहीं खुला है। दोनों दलों के उम्मीदवारों का जमानत बचना तक मुश्किल है.
जदयू ने उतारे थे 46 उम्मीदवार
जनता दल यूनाइटेड ने झारखंड की 46 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और उसे किसी भी सीट पर रुझानों में बढ़त तक नहीं मिली। जेडीयू उम्मीदवारों की स्थिति के लिए चुनाव नतीजे आने तक का इंतजार करना होगा। जेडीयू की तरफ से पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह सहित बिहार सरकार के कई मंत्रियों ने चुनाव अभियान की कमान संभाल रखी थी हालांकि अपनी पार्टी के प्रदर्शन को लेकर आशंकाओं से घिरे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार झारखंड में चुनाव प्रचार के लिए भी नहीं गए।
लोजपा ने उतारे थे 21 उम्मीदवार
वहीं दूसरी तरफ लोक जनशक्ति पार्टी में भी एनडीए से अलग होकर झारखंड चुनाव में अकेले 21 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार दिए थे। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने खुद झारखंड के कई विधानसभा सीटों पर जाकर प्रचार भी किया लेकिन जनता ने एलजेपी को किसी भी सीट पर तरजीह जी नहीं दी। झारखंड से आ रहे रुझानों के मुताबिक प्रमुख दलों के बाद जिन 5 सीटों पर अन्य की बढ़त बनी हुई है उनमें एनसीपी को 1 सीट, लेफ्ट को 1 सीट के अलावा तीन निर्दलीय उम्मीदवारों को बढ़त हासिल है। झारखंड में अपने प्रदर्शन से जेडीयू और एलजेपी को केवल निराशा हाथ लगी है।