गांव में बाघ आने के बाद भी स्कूल में पढ़ाई करने जा रहे बच्चे, परिजन तीर धनुष लेकर कर रहे पहरेदारी

गांव में बाघ आने के बाद भी स्कूल में पढ़ाई करने जा रहे बच्चे, परिजन तीर धनुष लेकर कर रहे पहरेदारी

GHATSHILA: झारखंड के एक स्कूल में कई दिनों से तीर धनुष की सुरक्षा में बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. अभिभावक स्कूल के बाहर तीर धनुष लेकर चार दिनों से पढ़ाई के दौरान पहरेदारी कर रहे हैं. जिसके बाद स्कूल में पढ़ाई हो रही है. यह स्कूल घाटशीला जिले के मिर्गीटांड़ गांव की है. 

कई दिनों से स्कूल था बंद

बाघ आने की सूचना के बाद गांव का स्कूल चार दिनों तक बंद रहा था. लेकिन ग्रामीणों ने तय किया कि कब तक स्कूल को बंद रखा जाएगा. इसके बाद परिजनों ने शिक्षकों से बात कर बच्चों को स्कूल भेजना शुरू कर दिया और खुद वह तीन धनुष लेकर निगरानी करने लगे. जिससे बच्चों का जो डर था वह कम हुआ और बच्चे पढ़ाई करने लगे. इस तरह से निगरानी का सिलसिला कई दिनों से चल रहा है. 

गांव में बाघ आने से दहशत में लोग

बताया जा रहा है झाटीझरना और कालचिती पंचायत के दर्जनों गांवों में बाघ के आने की सूचना पर लोगों में दशहत का माहौल बना हैं. डर से ग्रामीणों ने मवेशियों को चरने के लिए बाहर नहीं छोड़ रहे हैं. लोग घरों से बाहर निकलने में भी डर रहे हैं. यह स्थिति दस दिनों से बनी हुई है. वही, वन विभाग के अधिकारियों ने दावा किया है कि बाघ फिर से वापस चला गया है. लेकिन लोगों में डर अभी भी बना हैं.


कई मवेशियों पर बाघ कर चुका है हमला

घटना के बारे में ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी थी कि उनके मवेशियों पर रोज कोई जानवर हमला कर रहा है. जिसके बाद वन विभाग के कर्मियों ने जांच पड़ताल किया तो वह बाघ के पंजे के निशान मिला. बाघ की पुष्टि होने के बाद वन विभाग ने लोगों से सतर्क रहने की लोगों को सलाह दी.