मुख्यमंत्री को मिली जान से मारने की धमकी, अपराधियों ने DGP को भी धमकाया

मुख्यमंत्री को मिली जान से मारने की धमकी, अपराधियों ने DGP को भी धमकाया

RANCHI : इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक बार फिर से जान से मारने की धमकी दी गई है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन- साथ उनके सचिव और झारखंड के डीजीपी एमवी राव को भी मर्डर की धमकी दी गई है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक बार फिर जान से मारने की धमकी  मिलने के बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है.


झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक बार फिर ईमेल (E-Mail) से जान से मारने की धमकी मिली है. सीएम के समर्थकों का कहना है कि हेमंत सोरेन की बढ़ती लोकप्रियता से बौखलाए अपराधियों ने उन्हें निशाने पर ले रखा है और ई मेल भेजकर धमकी भेज रहे हैं. ईमेल से दी गई धमकी में कहा गया है कि "इस बार तो बच गए, हर बार नहीं बच पाएंगे, घर में घुसकर मारेंगे."


मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का जान से मारने की धमकी वाला ई-मेल मुख्यमंत्री के अलावा उनके सचिव को भी भेजा गया है. ई-मेल भेजने वाले का नाम और पता इस ई-मेल में नहीं है. इस ई-मेल में डीजीपी एमवी राव को भी धमकी दी गई है। मामले की जांच की जिम्मेदारी साइबर क्राइम थाना रांची के इंस्पेक्टर सतीश गोराई को दी गई है.


इस मामले में मुख्यमंत्री आवास में तैनात विशेष शाखा के दारोगा मोहम्मद तंजील खान के बयान पर रांची के साइबर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. आईपीसी की धारा 500, 506, 507 और 153ए और आईटी एक्ट की धारा 66 सी और 66डी के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है. मामले के जांच की जिम्मेवारी साइबर क्राइम थाना रांची के इंस्पेक्टर सतीश गोराई को दी गई है.


आपको बता दें कि मुख्यमंत्री को पिछले साल 8 और 17 जुलाई को भी दो अलग-अलग ई-मेल भेजकर धमकी दी गयी थी. इस मामले में रांची के साइबर थाने में पहले भी दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई थी. दोनों ई-मेल भेजने में जर्मनी और स्विटजरलैंड के अलग-अलग सर्वर का प्रयोग किया गया था. इस मामले में रांची के साइबर थाने में पहले भी दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए थे.  इन दोनों ई-मेल को भेजने के लिए जर्मनी व स्विटजरलैंड के अलग-अलग सर्वर का प्रयोग किया गया था. अपराधियों को पकड़ने के लिए सीआईडी ने प्रयास तेज कर दिए हैं. सीआईडी के एडीजी अनिल पाल्टा खुद इस मामले की मॉनीटरिंग कर रहे हैं. उन्होंने जर्मनी और स्विटजरलैंड को अनुरोध पत्र भी भेजा है ताकि ई-मेल भेजने वालों तक पुलिस पहुंच सके.