RANCHI: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही जारी है. सदन में आज वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि झारखंड में हर 4-5 साल के अंतराल में सुखाड़ पड़ जाता है. वही कई जिलों में उत्पादन शून्य हो जाता है. ऐसे में स्वाभाविक है कि किसानों की आय घटेगी. और अगर उत्पादन काम होगा तो आय भी काम होगी.
वही इस संबंध में सरकार इस विषय पर संवेदनशील है और हर जरूरी प्रयास किया जा रहा है कि कैसे किसानों की आय बढ़ाई जाए. बता दें वित्तमंत्री सदन में पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव के सवाल का जवाब दे रहे थे. विधायक प्रदीप ने कृषि अर्थव्यवस्था में घटती आय का मुद्दा उठाया था.
विधायक प्रदीप ने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार 4 राज्यों में किसानों की आय घटी है. इनमें झारखंड का नाम भी शामिल है. वही झारखंड में किसानों की आय 2 हजार रुपये तक घटी है. उन्होंने कहा कि सरकार खुद ये बात मानती है कि झारखंड की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है. ऐसे में किसानों की आय में कमी एक गंभीर चिंता है.
वित्तमंत्री ने जवाब में कहा कि देश में आजादी के समय अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान 50 फीसदी से ज्यादा था लेकिन अभी के समय में सिर्फ 17 फीसदी है. झारखंड में मानसून की स्थिति किसी से छिपी नहीं है. किसानों की आय में कमी आने से हैरानी नहीं होनी चाहिए. वही हम किसानों की चिंता करते हैं.