RANCHI : देशभर में इन दिनों साइबर अपराध के मामलों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। हर दिन अपराधी ऑनलाइन तरीके से अपने काले मंसूबों को अंजाम देने में लगे हुए हैं। अब इस पूरे वाकये को लेकर झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा एवं जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में आरबीआई के तरफ से बड़ा सवाल किया गया है।
दरअसल, साइबर क्राइम पर रोकथाम को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सुनवाई की मांग की गई है। जिसके बाद इस जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा एवं जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई की ओर से अधिवक्ता पांडे नीरज राय ने समय देने का आग्रह किया। जिसके बाद अदालत ने आग्रह को स्वीकार करते हुए आरबीआई से झारखंड में साइबर क्राइम की रोकथाम के उपायों की जानकारी मांगी है। अदालत के तरफ से इसको लेकर तीन अगस्त तक शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।
इधर, इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से मौखिक रूप से कहा गया कि इस मामले में ट्राई नहीं, बल्कि आरबीआई की भूमिका है।अदालत ने उन्हें शपथ पत्र दाखिल को कहा है। इससे पहले कोर्ट में प्रार्थी के अधिवक्ता राजीव कुमार ने कोर्ट को बताया था कि झारखंड के देवघर, जामताड़ा और साहिबगंज में साइबर अपराधी सक्रिय हैं।
झारखंड से साइबर क्राइम की घटना को अंजाम दिया जाता है। साइबर अपराधी झारखंड सहित देश के अन्य राज्यों में साइबर ठगी की घटना को अंजाम देते हैं। पुलिस का साइबर सेल है, लेकिन यह खास एक्टिव नहीं है। ऐसे में साइबर अपराधियों का मनोबल लगातार बढ़ता जा रहा है। इन पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है।