RANCHI: झारखंड विधानसभा चुनाव में कई सीटें चर्चा में है. इसमें झरिया विधानसभा भी एक है. यहां पर देवरानी और जेठानी चुनावी मैदान में आमने सामने हैं. झरिया में जेठानी की जीत होती है या देवरानी का दबदबा कायम रहता हैं इसका फैसला कल हो जाएगा.
वर्तमान विधायक की पत्नी बीजेपी की उम्मीदवार
झरिया से बीजेपी विधायक संजीव सिंह भाई नीरज सिंह की हत्या के आरोप में जेल में बंद रहे . उन्होंने कोर्ट से चुनाव लड़ने की अनुमति मांगी थी. इस बीच संजीव की पत्नी रागिनी सिंह को बीजेपी ने झरिया से उम्मीदवार बना दिया और अंत में संजीव को भी चुनाव लड़ने की अनुमति मिल गई तो वह भी निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर गए, लेकिन कहा यह जा रहा है कि उन्होंने अपनी पत्नी को समर्थन के लिए ही निर्दलीय मैदान में उतरे थे.
नीरज सिंह की पत्नी को कांग्रेस ने मैदान में उतारा
रागिनी सिंह की देवरानी पूर्णिमा सिंह को कांग्रेस ने झरिया से टिकट देकर दोनों को आमने-सामने कर दिया. 2014 में इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर पूर्णिमा सिंह के पति नीरज सिंह चुनाव लड़े थे. लेकिन वह अपने चचेरे भाई संजीव से हार गए थे. मार्च 2017 में नीरज सिंह की हत्या हो गई. यह हत्या का आरोप चचेरे भाई संजीव पर लगा. कांग्रेस ने 2019 के चुनाव में नीरज की पत्नी पूर्णिमा को झरिया से उतार दिया. जिसके बाद देवरानी और जेठानी चुनावी मैदान में आमने-सामने हो गई. बता दें कि यह परिवार सूर्यदेव सिंह का हैं जिसका दबदबा कई दशकों तक कोयलांचल में रहा है. लेकिन यह परिवार टूटा गया और एक दूसरे के खिलाफ होता गया. अब देखना है कि झरिया पर किसका कब्जा होता है.