ब्रेकिंग न्यूज़

लड़की को गोली मारने के बाद युवक ने खुद को भी मारी गोली, मौत के बाद इलाके में सनसनी चरस तस्करी मामले में कोर्ट ने सुनाई सजा, चेलवा और बैला को 14 साल की सजा अतिथि शिक्षकों को हटाने के आदेश को HC ने किया निरस्त, अब स्कूलों में तैनात रहेंगे गेस्ट टीचर रेलवे ने बनाया नया कीर्तिमान, मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज से चलाई 364 ट्रेन PK ने लालू-नीतीश पर बोला हमला, किसान महापंचायत में कहा..लालू को अपने बेटों की चिंता है और नीतीश आपके बच्चों को लाठी से पिटवा रहे हैं Raid On Punjab CM House: पंजाब सीएम भगवंत मान के दिल्ली आवास पर चुनाव आयोग की रेड, पंजाब पुलिस ने आयोग की टीम को रोका, पैसे बांटने की शिकायत Bihar Transport News: गजब..बिहार में गाड़ियों का फिटनेस जांच MVI नहीं दलाल करते हैं, मोटरयान निरीक्षक का सरकारी मोबाइल माफिया के पास कैसे पहुंचा? Bihar Cricket में मैच फिक्सिंग के घिनौने खेल का बड़ा खुलासा: पूर्व वाइस कैप्टन ने जय शाह के करीबी राकेश तिवारी पर बेहद गंभीर आरोप लगाये खगड़िया में किसान सलाहकार को मारी गोली, श्राद्धकर्म में शामिल होने के बाद लौट रहे थे घर आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर 8 मार्च को पहली बार पूर्णिया में करेंगे महासत्संग, एक लाख से अधिक लोग होंगे शामिल

100 साल से धधक रहे झरिया के लोगों को मिलेगी राहत, SC की निगरानी में होगा प्रभावितों का पुनर्वास

100 साल से धधक रहे झरिया के लोगों को मिलेगी राहत, SC की निगरानी में होगा प्रभावितों का पुनर्वास

16-Jul-2019 01:34 PM

By 7

JHARKHAND : 100 साल से कोयले की आग में धधक रहे झरिया के लोगों को जल्द राहत मिलने वाली है. सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में प्रभावित निवासियों का पुनर्वास होगा. शीर्ष अदालत ने एक सदी से ज्यादा समय से जल रहे कोलवरी इलाके की जमीन से प्रभावित निवासियों के बचाव और पुनर्वास की निगरानी का जिम्मा अपने ऊपर ले लिया है. कोर्ट ने केंद्र सरकार को अपनी कार्रवाई योजना के संदर्भ में उनके द्वारा उठाए गए कदमों का प्रदर्शन करने के लिए वहां के निवासियों के पुनर्वास के लिए अपने हलफनामे को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. झारखंड के धनबाद जिले के झरिया में 100 से अधिक वर्षों से जल रही एक भूमिगत कोयले की आग ने आखिरकार सुप्रीम कोर्ट का ध्यान अब अपनी ओर खींच लिया है. कोलफील्ड्स 100 सालों से आग में धधक रही है. इसकी वजह से वहां के स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य और जनजीवन पर भी काफी बुरा असर पड़ रहा है. इस संबंध में सन् 1997 से पहले से लंबित मामले को प्राथमिकता देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक सदी से ज्यादा समय से जल रहे घातक विस्फोट से प्रभावित निवासियों के बचाव और पुनर्वास की निगरानी के लिए इसे अपने ऊपर ले लिया है. भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने झरिया कोलफील्ड की भूमिगत आग पर जनहित याचिका की सुनवाई तेजी से की है. जिसने सैकड़ों लोगों की जान और हजारों लोगों के जीवन को खतरे में डाल दिया है. वहीं अदालत ने हाल ही में उल्लेख किया है कि धनबाद के खान सुरक्षा महानिदेशक के नवीनतम स्थिति रिपोर्ट में वर्ष 2009 के बाद से इस मामले में कुछ भी नहीं मिला था. अदालत ने कहा कि ""पहली प्राथमिकता प्रभावित परिवारों या परिवारों के पुनर्वास के लिए होनी चाहिए, जो भूमिगत आग और उपद्रव से प्रभावित हो सकते हैं. "" दूसरा, अदालत ने कहा कि हालांकि रिकॉर्ड पर कागजों की अधिकता थी, ""जमीनी हकीकत के संबंध में शुद्ध परिणाम स्पष्ट रूप से अनुपस्थित हैं या स्पष्टता की कमी है.