PATNA : बिहार विधान परिषद की एक सीट के लिए हो रहे उपचुनाव को लेकर इस वक्त की ताजा खबर सामने आ रही है. फर्स्ट बिहार की खबर पर एक बार फिर से मुहर लगी है. जनता दल यूनाइटेड ने दिवंगत विधान पार्षद तनवीर अख्तर की पत्नी रोजीना नाजिश को विधान परिषद उप चुनाव में उम्मीदवार बनाया है. पार्टी ने आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा कर दी है. प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने इससे संबंधित सूचना जारी की है.
गौरतलब हो कि पिछले दिनों ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तनवीर अख्तर के घर जाकर उनकी पत्नी और परिवार से मुलाकात की थी. इसके बाद ही जेडीयू के अंदर खाने से इस बात के संकेत मिले थे कि तनवीर अख्तर की पत्नी को एमएलसी की बनाया जा सकता है. उनकी खाली सीट पर कार्यकाल आठ महीने बचा है.
जेडीयू सूत्रों की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक तनवीर अख्तर की पत्नी रोजीना अख्तर जल्द ही अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगी. निर्वाचन आयोग के मुताबिक 22 सितंबर तक इस पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया जा सकता है. 23 सितंबर को स्क्रूटिनी और 27 सितंबर तक वक्त नाम वापसी के लिए निर्धारित है.
आपको बता दें कि निर्वाचन आयोग ने बिहार विधान परिषद की इस रिक्त सीट के लिए चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी है. अधिसूचना के मुताबिक यह सीट 9 मई 2021 से रिक्त है और इसका कार्यकाल 21 जुलाई 2022 को पूरा हो जाएगा. चुनाव आयोग के कहा है कि एक से अधिक प्रत्याशी होने की स्थिति में 4 अक्टूबर को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान कराया जाएगा. वोटों की गिनती भी उसी दिन शाम 5 बजे से कराई जाएगी.
आपको बता दें कि जेडीयू के एमएलसी रहे दिवंगत नेता मो० तनवीर अख्तर का निधन पिछले साल कोरोना से हो गया था. मूल रूप से गया के रहने वाले तनवीर अख्तर पिछले साल मई महीने में कोरोना वायरस की चपेट में आये थे. वे जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और निधन के समय जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के बिहार के प्रभारी थे. इससे पहले उन्होंने राजनीति की शुरुआत कांग्रेस के साथ की थी. वे कांग्रेस की बिहार इकाई के उपाध्यक्ष और बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस प्रकोष्ठ के अध्यक्ष भी रह चुके थे.
तनवीर अख्तर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी करीबी माने जाते थे. इनके निधन पर नीतीश कुमार ने कहा था कि "तनवीर अख्तर एक कुशल राजनेता थे. वे मिलनसार व्यक्ति थे और लोगों के बीच काफी लोकप्रिय थे. सामाजिक कार्यों में भी उनकी गहरी अभिरूचि थी. उन्होंने अपने व्यक्तित्व की बदौलत समाज के सभी वर्गों का आदर और सम्मान प्राप्त किया."