PATNA : गोपालगंज नरसंहार को लेकर नीतीश सरकार भले ही फजीहत झेल रही हो, लेकिन बिहार पुलिस ने साफ कर दिया है कि विधायक पप्पू पांडे के खिलाफ एक्शन तभी लिया जायेगा, जब कोई सबूत उनके खिलाफ मिलेगा. बिहार पुलिस मुख्यालय की तरफ से एडीजी हेडक्वार्टर ने बजाप्ता प्रेस वार्ता कर इस बात की जानकारी दी है. एडीजी हेडक्वार्टर जितेंद्र कुमार ने कहा है कि गोपालगंज में हत्याकांड की जांच का जिम्मा एसआईटी को दे दिया गया है और विधायक पप्पू पांडे के खिलाफ अगर सबूत मिलते हैं, तब कार्रवाई की जाएगी.
बिहार पुलिस मुख्यालय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बिना सबूत के विधायक के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जायेगा. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भले ही रोज विधायक की गिरफ्तारी के लिए दबाव बना रहे हो लेकिन बिहार पुलिस ने अपने बयान से यह साफ कर दिया है कि फिलहाल पप्पू पांडे की गिरफ्तारी को लेकर वह किसी जल्दबाजी में नहीं है. पुलिस मुख्यालय ने बताया है कि 24 मई को गोपालगंज में हुई घटना के बाद कार्रवाई करते हुए विधायक के भाई सतीश पांडे और मुकेश पांडे को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन इस मामले में नामजद अभियुक्त बनाए गए पप्पू पांडे और बटेश्वर पांडे की गिरफ्तारी अब तक नहीं हुई है. हालांकि बिहार पुलिस यह नहीं बता रही है कि नामजद अभियुक्त होने के बावजूद विधायक से अब तक पुलिस ने पूछताछ भी क्यों नहीं की.
बिहार पुलिस ने बताया है कि इस घटना की प्रतिक्रिया में 26 मई को हथुआ थाना इलाके के पूरा में शशिकांत तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी की हत्या कर दी गई. इस संबंध में चार नामजद अभियुक्त बनाए गए हैं. इनमें से एक मुन्ना यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. बिहार पुलिस पूरे मामले की जांच का जिम्मा एसआईटी को दे रखा है और सारण के डीआईजी लगातार इस मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. विधायक के खिलाफ अगर कोई सबूत मिलती है, तो पुलिस अपनी कार्रवाई में कोई भी नरमी नहीं बरतेगी. पुलिस की ओर से सबूत को लेकर आम लोगों से भी मदद मांगी गई है. जेडीयू विधायक पप्पू पांडे के ऊपर एक्शन को लेकर बिहार पुलिस ने जिस स्पष्टता के साथ बयान दिया है. उसके बाद एक बार फिर से विपक्ष इसे मुद्दा बना सकता है.