PATNA: जेडीयू की अंदरूनी कलह एक बार फिर सतह पर आ गई है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और एमएलसी आनने-सामने आ गए हैं। इसी बीच जेडीयू में मचे घमासान को लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने बड़ी बात कह दी है। उन्होंने कहा है कि जेडीयू के भीतर सिर फुट्टौवल वाले हालात हैं और जेडीयू का बुरा हश्र होने वाला है। जेडीयू के कई सांसद और विधायक दूसरी पार्टियों के संपर्क में हैं और जल्द ही नीतीश का साथ छोड़कर चले जाएंगे।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि जेडीयू के अंदर सिरफुट्टौवल की स्थिति आने वाले दिनों में और बढ़ेगी। दो चार लोगों को छोड़कर चाहे वह पार्टी के बड़े नेता हों या कार्यकर्ता, कोई जेडीयू के साथ नहीं रहने वाला है। सभी लोगों को पता है कि जेडीयू का क्या हश्र होने वाला है। नीतीश कुमार ने जिस दिन फैसला ले लिया कि अब वे लालटेन छाप जिंदाबाद का नारा लगाएंगे और बिहार को फिर से उसी खौफनाक स्थिति में पहुंचाएंगे तो उस हालत में कोई भी उनके साथ नहीं रहने वाला है। आए दिन पार्टी की अंदरूनी कलह सामने आएगी और धीरे-धीरे सभी लोग वहां से किनारा कर लेंगे।
उन्होंने कहा कि जेडीयू के तमाम नेता कहीं न कहीं अपना ठिकाना ढूंढ चुके हैं। कई लोग नीतीश का साथ छोड़ चुके हैं और अब यह सिलसिला रूकने वाला नहीं है, सिर्फ औपचारिकता रह गई है। कुछ लोग आरएलजेडी के संपर्क में हैं तो कुछ बीजेपी के संपर्क में हैं। जेडीयू के नेताओं को उनका भविष्य अंधकारमय दिख रहा है, ऐसी स्थिति में वहां कोई नहीं रहने वाला है। आरजेडी में जेडीयू के विलय की डील उसी वक्त हो चुकी है जब नीतीश एनडीए से अलग हुए थे। आरजेडी में जेडीयू का विलय होना तय है।
वहीं पटना में नीतीश कुमार की अगुवाई में हुई विपक्षी दलों की बैठक पर कुशवाहा ने कहा कि सभी विपक्षी दल एक मंच पर आए तो लगता था कि सभी एक साथ बैठेंगे तो कुछ काम की बात होगी। उम्मीद थी कि फिलहाल जो एनडीए की सरकार केंद्र में है उसके खिलाफ कोई वैकल्पिक एजेंडा देश के सामने रखेंगे और उसपर बात करेंगे लेकिन ऐसा कुछ भी होता हुई नहीं दिखा। बैठक में राहुल गांधी की दाढ़ी और शादी पर चर्चा हुई और अंत में तय हुआ कि बिहार में गर्मी अधिक है ऐसे में अगली बैठक शिमला में हो और वहां के मौसम का मजा लिया जाए, इससे अधिक बैठक में कुछ नहीं हुआ।
कुशवाहा ने कहा है कि विपक्षी एकता की कवायद सिर्फ दिखाने के लिए है। नीतीश कुमार और महागठबंधन के लोगों को अच्छी तरह से पता है कि देशभर से सबसे अधिक महागठबंधन की दुर्गती बिहार में होगी। वहीं मांझी के महागठबंधन से अलग होने के सवाल पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि जेडीयू की नाव डूबनी तय है और डूबती हुई नाव पर कोई सवार नहीं होना चाहता है। जीतन राम मांझी ने समय रहते डूब रही नाव से अलग होकर समझदारी दिखाई है। मांझी महागठबंधन से हट गए यह उन्होंने बहुत ही अच्छा किया है।