PATNA : बिहार विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड के खराब प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेडीयू अध्यक्ष की कुर्सी छोड़ने का फैसला किया था। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अचानक से नीतीश ने आरसीपी सिंह को पार्टी की कमान दे दी थी। इसके बाद प्रदेश नेतृत्व में भी बदलाव किया गया और उमेश कुशवाहा को वशिष्ठ नारायण सिंह की जगह प्रदेश की कमान दे गई। जेडीयू नेतृत्व की जिम्मेदारी संभालने के बाद आरसीपी सिंह लगातार संगठन को मजबूत करने के लिए बैठक करते रहे। कोरोना की दूसरी लहर सक्रिय होने तक आरसीपी सिंह ने पार्टी को हर स्तर पर मजबूत करने के लिए कवायद भी की लेकिन जब दूसरी लहर तेज हुई तो राजनीतिक गतिविधियां थम गयीं और आरसीबी बाबू अज्ञातवास पर चले गए।
कोरोना की दूसरी लहर अब कमजोर पड़ चुकी है। बिहार में संक्रमण कम होने के बाद अब लॉकडाउन भी खत्म किया जा चुका है लेकिन अब तक के जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह का अज्ञातवास खत्म नहीं हुआ है। आरसीपी सिंह के नजदीकी सूत्रों के मुताबिक के कोरोना माहमारी दौरान जेडीयू अध्यक्ष अपने नालंदा स्थित पैतृक गांव में रहे। इस दौरान ट्विटर पर उन्होंने महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि जरूर अर्पित की। कोरोना बीमारी की वजह से अगर किसी खास शख्सियत का निधन हुआ तो आरसीपी बाबू ने संवेदना भी जताई लेकिन राजनीति से वह दूर ही रहे। एक तरफ कोरोना माहमारी बीच जहां बीजेपी और आरजेडी ने अपनी पार्टी के नेताओं कार्यकर्ताओं को अहम जिम्मेदारियां देते हुए लोगों की मदद करने को कहा तो वहीं जेडीयू नेतृत्व की तरफ से ऐसी कोई ठोस पहल होती नहीं दिखी। ऐसे में अब राजनीतिक गलियारे के अंदर चर्चाओं का नया दौर शुरू हो गया है। सोशल मीडिया पर इन दिनों जेडीयू नेतृत्व में बदलाव को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैंम कुछ लोग जेडीयू के नेतृत्व में बदलाव की उम्मीद जताते हुए पोस्ट शेयर कर रहे हैं तो वहीं कुछ लोगों का कहना है कि उपेंद्र कुशवाहा को नीतीश कुमार के बाद पार्टी में सबसे बड़ी भूमिका दी जा सकती है।
हालांकि उपेंद्र कुशवाहा जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हैं और उनके मुताबिक फिलहाल वह कोई बड़ी भूमिका की उम्मीद पाले नहीं बैठे हैं। लेकिन इस सबके बावजूद आरसीपी सिंह के अज्ञातवास में राजनीतिक चर्चाओं को हवा दी है। हालांकि इस बात की उम्मीद कम दिखती है कि नीतीश कुमार इतनी जल्द नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई फैसला करेंगे। आरसीपी सिंह नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाते हैं। खुद जेडीयू अध्यक्ष के लिए आरसीपी नीतीश की पसंद रहे हैं। ऐसे में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर नीतीश कुमार इतनी जल्द कोई फैसला करेंगे उम्मीद नहीं की जा सकती। हालांकि नीतीश कुमार की राजनीतिक समझ और उनके फैसलों पर बारीक नजर रखने वाले कुछ लोगों की राय इससे अलग है। इनके मुताबिक नीतीश अपने अप्रत्याशित फैसलों से सबको चौंकाते रहे हैं इसलिए कुछ भी संभव है। जेडीयू के अंदरखाने चल रही इस चर्चा पर फ़िलहाल आरसीपी सिंह का अज्ञातवास खत्म होने से ही विराम लग सकता है।