जेडीयू का खुला अधिवेशन आज, मिशन 2024 पर होगी चर्चा, तैयार है ब्लू प्रिंट

जेडीयू का खुला अधिवेशन आज, मिशन 2024 पर होगी चर्चा, तैयार है ब्लू प्रिंट

PATNA  : जनता दल यूनाइटेड के संगठनात्मक चुनाव के अंतिम दौर में 11 दिसंबर यानी आज राजधानी पटना के श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में  खुला अधिवेशन होगा।  जिसमें जदयू नेशनल एजेंडा पर चर्चा होगी। जेडीयू की इस बैठक को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार संबोधित करेंगे। इसी बैठक में पार्टी के नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह का स्वागत भी किया जाएगा। इसमें जेडीयू के पदाधिकारियों सहित कार्यकर्ता शामिल होंगे।


दरअसल,  जनता दल यूनाइटेड के खुला अधिवेशन को लेकर यह बताया जा रहा है कि, इसमें पार्टी के तरफ से 2024 के लोकसभा चुनाव पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पीएम चेहरे को लेकर रूप में रखा जाए या नहीं। इसके साथ ही कई अन्यों कार्यों का भी ब्लू प्रिंट बना लिया गया है। इसके साथ ही इस खुला अधिवेशन में सीएम नीतीश कुमार की ओर से किए गए कार्यों पर भी चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही जनता दल यूनाइटेड के खुला अधिवेशन में देश के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इसमें महंगाई और बेरोजगारी के साथ देश में बढ़ते संप्रदायिक तनाव और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग जैसे मुद्दे भी रहेंगे। 


बता दें कि, जनता दल यूनाइटेड 'नीतीश 2024 मिशन' के तहत काम कर रही है। जेडीयू लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी के एक उम्मीदवार के पीछे विपक्ष का एक उम्मीदवार के योजना पर काम कर रही है। इसी को लेकर कल परिषद् के बैठक में यह भी कहा गया कि, अब नीतीश कुमार का दिल्ली आना-जाना लगा रहेगा। नीतीश कुमार ने विपक्षी एकता को ही मजबूत करने को लेकर उत्तर प्रदेश में हुए चुनाव में समाजवादी पार्टी के खिलाफ किसी भी विपक्षी पार्टी को उम्मीदवार ना उतरने की सलाह दी और इसका असर दिखा भी।  इस चुनाव में मुख्य लड़ाई भाजपा और विपक्ष कि मात्रएक पार्टी के बीच हुई। 


गौरतलब हो क, पिछले गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अगस्त महीने में जबसे भाजपा के अलग हुए हैं तभी से वह भाजपा मुक्त भारत देखना चाहते हैं। इसी फॉर्मूले को लेकर वह अन्य विपक्षी दलों के बीच भी जा रहे हैं। नीतीश का कहना है कि देश में जबसे भाजपा की सरकार आई है तब से कोई काम नहीं हुआ है, सिर्फ प्रचार हुआ है। अब इसी को लेकर नीतीश कुमार 2024 में केंद्र की सत्ता से बीजेपी को बाहर करने के लिए वह विपक्षी दलों को एकजुट करने में जूट गए हैं। इसके लिए उन्होंने अगस्त के महीने में ही कई राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात भी की थी।