फिर बोला जेडीयू-श्रीलंका में चुनाव हो गया तो बिहार में क्या दिक्कत है? हर हाल में समय पर हों चुनाव

फिर बोला जेडीयू-श्रीलंका में चुनाव हो गया तो बिहार में क्या दिक्कत है? हर हाल में समय पर हों चुनाव

DESK: बिहार चुनाव को लेकर जेडीयू ने फिर विदेशों में हुए चुनाव का जिक्र किया है. जेडीयू अब कह रहा है कि जब श्रीलंका में चुनाव हो गये तो बिहार में इलेक्शन होने में क्या दिक्कत है. जेडीयू ने कहा है कि बिहार में तय सीमा पर ही चुनाव होने चाहिये.

जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी का बयान

जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि देश के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोडा ने कहा है कि बिहार में समय पर होने चाहिये. जेडीयू मुख्य चुनाव आयुक्त के इस फैसले के साथ है. चुनाव कराना चुनाव आयोग की जिम्मेवारी है और ये कोई राजनीतिक दल तय नहीं कर सकता है कि बिहार में समय पर चुनाव नहीं होने चाहिये.


विदेशों में हो रहे हैं चुनाव

जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा है कि पिछले सप्ताह श्रीलंका में चुनाव हो गये. 70 फीसदी वोटरों ने वोट डाला. जब श्रीलंका में चुनाव हो सकता है तो बिहार में क्यों नहीं. पिछले दो महीनों में दुनिया के आधे दर्जन देशों में चुनाव हुए हैं. सिंगापुर से लेकर दक्षिण कोरिया जैसे राज्यों में चुनाव हो गये हैं. 

त्यागी ने कहा कि अमेरिका के 6 राज्यों में चुनाव हुए हैं. अमेरिका का फ्लोरिडा प्रांत कोरोना वायरस के साथ साथ बाढ का भी सामना कर रहा है. फिर भी वहां चुनाव हुए हैं. जब उन देशों में चुनाव हुए हैं तो बिहार में चुनाव होने में क्या दिक्कत है. चुनाव का विरोध वही लोग कर रहे हैं जिन्हें हार का डर सता रहा है. बिहार में चुनाव होने में कोई दिक्कत नहीं है. 


त्यागी ने कहा कि ये चुनाव आयोग की जिम्मेवारी है कि वह समय पर बिहार चुनाव कराये. गौरतलब है कि बिहार में चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से राय मांगी है. पहले 31 जुलाई तक राय देने को कहा गया था लेकिन बाद में  चुनाव आयोग ने कहा कि वह 11 अगस्त तक राजनीतिक दलों से सुझाव प्राप्त करेगा.


RJD से लेकर LJP का विरोध

हालांकि आरजेडी से लेकर एलजेपी जैसी पार्टियां पहले ही चुनाव आयोग को अपना लिखित सुझाव दे चुकी हैं जिसमें कोरोना की हालत को देखते हुए चुनाव को टालने का आग्रह किया गया है. आरजेडी ने तो यहां तक कह रखा है कि अगर चुनाव हुए और उसे पारंपरिक तरीके से प्रचार करने का मौका नहीं दिया गया तो वह चुनाव का बहिष्कार करेगी.