PATNA : कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अज्ञातवास पर रहने वाले जेडीयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने वापसी कर ली है. आरसीपी सिंह कोरोना संक्रमण के दौरान राजनीतिक तौर पर सक्रिय नहीं थे और वह नालंदा स्थित अपने गांव पर थे. कोरोना की दूसरी लहर जब कमजोर पड़ी और संक्रमण के मामले कम हुए तो यह सवाल उठने लगा कि आखिर आरसीपी सिंह क्यों अज्ञातवास पर हैं. बिहार के राजनीतिक गलियारे में तरह-तरह की चर्चा भी तेज हो गई. लेकिन अब जेडीयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने वापसी कर ली है. वापसी के साथ उन्होंने पार्टी कार्यालय में बैठकों का सिलसिला भी शुरू कर दिया है.
आरसीपी सिंह ने आज जनता दल यूनाइटेड कार्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में पार्टी के अलग-अलग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्षों के साथ बैठक की. इस बैठक में पार्टी के कई पदाधिकारी भी शामिल हुए. इस दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा भी मौजूद थे. इसके पहले आरसीपी सिंह ने शुक्रवार को पार्टी के चिकित्सा प्रकोष्ठ की बैठक की थी और कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर से बचने के लिए टीकाकरण अभियान को रफ्तार देने का टास्क के जेडीयू के नेताओं को दिया था.
आरसीपी सिंह ने कहा था कि कोरोना की तीसरी लहर से केवल वैक्सीन ही बचा सकती है. ऐसे में पार्टी के चिकित्सा प्रकोष्ठ की तरफ से टास्क फोर्स बनाकर टीकाकरण अभियान को सौ फ़ीसदी कामयाब बनाने की जरूरत है. आपको याद दिला दें कि आरसीपी सिंह जब संक्रमण के दौरान सक्रिय नहीं थे. तब लगातार सोशल मीडिया समेत राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा हो रही थी कि क्या उनके अज्ञातवास से जेडीयू में उपेंद्र कुशवाहा का कद बड़ा होता जा रहा है. हालांकि फर्स्ट बिहार ने आपको उस वक्त भी बताया था कि आरसीपी सिंह के नहीं रहने के बावजूद नीतीश कुमार और उनके बीच जो ट्यूनिंग है उस पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला.
तमाम चर्चाओं के बावजूद आरसीपी सिंह नीतीश कुमार की पसंद है और उनके सबसे ज्यादा करीबी भी हैं. अब आरसीपी सिंह ने दूसरी लहर कमजोर पड़ने के बाद राजनीतिक सक्रियता बढ़ाई है. पार्टी और संगठन के काम की समीक्षा भी शुरू की है और साथ ही साथ कोरोना जैसी महामारी से मुकाबले के लिए टीकाकरण अभियान पर फिलहाल जेडीयू ने पूरा फोकस किया है.
जेडीयू सूत्रों की मानें तो आगे आने वाले दिनों में जब संक्रमण पूरी तरह नियंत्रित हो जाएगा. तो उसके बाद पार्टी के आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा भी तय की जाएगी. फिलहाल बिहार में संक्रमण को देखते हुए राजनीतिक के कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक है. लिहाजा इसकी कोई घोषणा नहीं की जा रही है.