PATNA: 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस है। इसको लेकर जयप्रभा मेदांता अस्पताल की तरफ से जागरूकता अभियान चलाया गया। राजधानी पटना स्थित बिहार लॉ कॉलेज, टीपीएस कॉलेज, कामर्स कॉलेज और आइबीएम कॉलेज में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्रों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर एक हजार से अधिक छात्र-छात्राओं ने तंबाकू उत्पादों से दूर रहने की शपथ ली।
इस मौके पर पटना के जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित कुमार ने तंबाकू से होने वाले नुकसानों को बताया। उन्होंने कहा कि तंबाकू का सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक होता है। यह मौत का कारण भी बन सकता हैं। तंबाकू का सेवन शरीर में अनेकों तरह की बीमारियों को जन्म देता है। सिगरेट, खैनी, गुटखा आदि के लगातार सेवन से शरीर के हर अंग को नुकसान पहुंचाता है।
उन्होंने कहा कि तम्बाकू का सेवन करने से मुंह के साथ ही खाने की नली, गला, फेफड़ा, आंत, लीवर, ब्लड आदि के कैंसर सहित कई जानलेवा बीमारियां होती है। मुंह के कैंसर के केस में तो करीब 80 प्रतिशत मरीजों में तंबाकू ही इसका कारण है। यही नहीं तम्बाकू हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी कम कर देता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से कोरोना सहित अन्य बीमारियों का खतरा भी कई गुणा बढ़ जाता है। कोरोना काल में ऐसा देखा गया कि तंबाकू और इसके अन्य उत्पादों का सेवन करने वाले लोग कोरोना से जल्दी हार रहे थे।
जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित कुमार और डॉ. अमरेन्द्र अमर ने ये बातें नई पीढ़ी के युवाओं में तंबाकू निषेध के लिए समाज में जागरुकता लाने के उद्देश्य से रखी। कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि तंबाकू सेवन करने वाले लोगों के परिवार भी इससे प्रभावित होते है। स्मोकिंग करने से निकलने वाला जहरीला धुआं बच्चों और महिलाओं सहित परिवार के उनलोगों को भी नुकसान पहुंचाता है जो सीधे तौर पर इसका सेवन नहीं करते है। इसलिए अगर खुद से और अपने परिवार से प्रेम करते हैं तो तंबाकू का सेवन तुरंत बंद कर देना चाहिए।
तंबाकू का सेवन टाइप 2 डायबिटीज, एसिडिटी की समस्या, दृष्टिदोष का भी कारण बनता है, और हड्डियों से कैल्शियम कम कर देता है जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। इसके सेवन से हार्ट से जुड़ी बीमारियां भी हो सकती हैं। पुरुषों की प्रजनन क्षमता को भी तंबाकू प्रभावित करता है। दुनिया भर में हुए रिसर्च बताते हैं कि, तंबाकू सेवन करने वाली महिलाओं में गर्भपात की दर सामान्य महिलाओं से अधिक होती है। तंबाकू सेवन के कारण महिलाओं में फेफड़ों का कैंसर, दिल का दौरा, सांस की बीमारी, प्रजनन सम्बन्धी विकार, निमोनिया, माहवारी से जुड़ी समस्याएं ज्यादा होती है। महिलाओं में इन तमाम जोखिमों के अलावा प्रीमेच्योर मेनोपोज, स्पॉन्टेनियस एबॉर्शन, सर्वाइकल कैंसर का जोखिम होता है।
कार्यक्रम में जयप्रभा मेदांता अस्पताल पटना के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ अमरेंद्र अमर ने कहा कि तंबाकू का सेवन कैंसर को आमंत्रित करने जैसा है।सिगरेट, खैनी, गुटखा समेत सभी तरह के तंबाकू उत्पादों से दूर रहें। यह विभिन्न दूसरी बीमारियों का भी कारण बनता है। अगर आप तंबाकू का सेवन छोड़ना चाहते हैं तो मजबूत इच्छाशक्ति और कुछ दवाओं की मदद से छोड़ सकते हैं। इसे छोड़ने के कुछ वर्ष बाद एक सामान्य जीवन जी सकते हैं।
डॉ. अमित कुमार ने कहा कि कैंसर से बचाव ही सबसे बड़ा इलाज है। कैंसर का शुरुआत में पता चल जाए तो मरीज की जान बचाई जा सकती है लेकिन अगर कैंसर एडवांस स्टेज में है तब मरीज का जीवन खतरे में चला जाता है। इसलिए कैंसर का सबसे बेहतर इलाज इससे बचाव ही है। कई तरह के कैंसर का जब सबसे बड़ा कारण तंबाकू है तो इससे दूर रहना ही समझदारी है। डॉ. अमरेन्द्र अमर ने कहा कि पटना के मेदांता अस्पताल में कैंसर की जांच से लेकर इलाज तक की सुविधा उपलब्ध है। यहां कैंसर से जुड़ी सर्जरी भी हो रही है। अगर सही समय पर इसकी पहचान हो तो यह ठीक हो सकता है।