PATNA: इस वक्त की बड़ी खबर पटना से आ रही है. जेडीयू नेता और पूर्व एमएलसी जावेद इकबाल अंसारी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफा देने के बाद वह आरजेडी में शामिल हो गए. अभी हाल ही में जावेद का एमएमलसी का कार्यकाल खत्म हुआ है. मिलन समारोह में तेजस्वी यादव, जगदानंद सिंह समेत कई आरजेडी के सीनियर नेता मौजूद रहे.
आरजेडी से कभी अलग नहीं रहा
अंसारी ने कहा कि हम कभी आरजेडी से अलग नहीं रहा. आरजेडी के आंगन में ही मेरा जन्म हुआ. यही पर राजनीति सीखी. एक बार गलती हो गई है कि मैं कुछ दिनों के लिए जेडीयू में चला गया था. अंसारी ने कहा कि जेडीयू के नीति और कोई सिद्धांत नहीं है. ये आरएसएस के साथ चलने वाली पार्टी है. ये प्रवासी मजदूरों को अपराधी बता रहे हैं. ये तो तेजस्वी यादव के कारण ही लॉकडाउन में फंसे बिहारी मजदूर यहां पर आ पाए नहीं तो नहीं आ पाते हैं. इनकी दोहरी नीति रही है. कभी एनआरसी का विरोध करते तो कभी समर्थन में आते हैं. ये दोहरी नीति अपनाते है. इसलिए मैंने जेडीयू छोड़ दिया है.
लालू से किया था मुलाकात
8 फरवरी को रांची के रिम्स में जाकर अंसारी ने लालू प्रसाद से मुलाकात की थी. बता दें कि जावेद इकबाल अंसारी तीन दफे लालू यादव की पार्टी आरजेडी से विधायक रह चुके हैं. आखिरी दफे वे 2010 में बांका से विधायक चुने गये थे. आरजेडी का विधायक रहते ही उन्होंने लालू यादव को जोरदार झटका दिया था. 2014 में उन्होंने राजद विधायक दल को तोड़ने की रूपरेखा तैयार की. हालांकि विधायकों की संख्या पूरी नहीं हो पायी लिहाजा लालू की पार्टी में टूट नहीं हो पायी. लेकिन जावेद इकबाल अंसारी कुछ RJD विधायकों के साथ नीतीश के खेमे में चले गये. उनके साथ जाने वालों में सम्राट चौधरी से लेकर रामलषण राम रमण जैसे विधायक शामिल थे.