PATNA: मंगलवार का दिन बिहार ही नहीं बल्कि देश के लिए अहम साबित हो सकता है. नीतीश सरकार के जातीय जनगणना पर पटना हाईकोर्ट मंगलवार यानि 1 अगस्त को फैसला सुनायेगी. पटना हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस की बेंच इस मामले पर फैसला सुनायेगी. बता दें कि पिछले 7 जुलाई से ही हाईकोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला रिजर्व रखा था.
इससे पहले पटना हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस पार्थ सार्थी की खंडपीठ नेलगातार 3 से 7 जुलाई तक पांच दिनों तक इस मामले में याचिकाकर्ता और बिहार सरकार की दलीलें सुनीं थी. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था. अब कोर्ट ने एक अगस्त को फैसला सुनाने की जानकारी दी है.
बता दें कि इससे पहले पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार की ओर से बताई जा रही जाति आधारित गणना पर रोक लगा दिया था. कोर्ट ने कहा था कि ये प्रथम दृष्टया जाति आधारित जनगणना है लिहाजा इस पर अंतरिम रोक लगा दी गयी थी. रोक के बाद अगली सुनवाई के लिए 3 जुलाई की तारीख तय की गयी थी. हाईकोर्ट की रोक के बाद राज्य सरकार ने पहले हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका डाली थी और फिर सुप्रीम कोर्ट गई थी. लेकिन राहत नहीं मिली थी.
उधर, सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर चार बार सुनवाई करने से इंकार कर चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने जातीय जनगणना के खिलाफ याचिका दायर करने वालों को पटना हाईकोर्ट जाने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ही हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई थी. इसी साल 4 मई को पटना हाईकोर्ट ने नीतीश सरकार के जाति आधारित गणना को संविधान विरोधी करार देते हुए इस पर रोक लगा दिया था.
हालांकि हाईकोर्ट की रोक अंतरिम थी और अगली सुनवाई के लिए 3 जुलाई का डेट तय किया गया था. लेकिन नीतीश सरकार अगली तारीख का इंतजार किए बगैर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा था कि पटना हाईकोर्ट के अंतरिम फैसले में काफी हद तक स्पष्टता है. अंतिम फैसला आए बगैर सुप्रीम कोर्ट में कोई सुनवाई नहीं होगी.