1st Bihar Published by: Updated Thu, 02 Jun 2022 04:48:45 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: बिहार में जातीय आधारित गणना अब जल्द होगी। कल यानी बुधवार को मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद कक्ष में हुई ऑल पार्टी मीटिंग के बाद जातीय आधारित गणना बिहार में कराए जाने का फैसला लिया गया। सीएम नीतीश ने कहा कि जल्द ही कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को पारित किया जाएगा। जातिगत गणना की घोषणा होने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसे राजद की जीत बतायी। तेजस्वी के इस बयान पर बीजेपी नेता व राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने पलटवार किया है। कहा है कि राजद अनावश्यक श्रेय लेने का प्रयास ना करें।
बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि "राजद अनावश्यक श्रेय लेने का प्रयास ना करें। इसका इतिहास तो रहा है कि पंचायत और नगर निकाय चुनाव में पिछड़ों को बिना आरक्षण दिए चुनाव करा दिया था। राजद तो 2004 से 2014 तक केंद्र सरकार में शामिल थी तो उसने 2011 की जनगणना में जाति का एक कॉलम क्यों नहीं जुड़वाया ? भाजपा यदि विरोध में होती तो 2011 की सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना केंद्र के लिए कराना असंभव हो जाता। भाजपा कभी भी जातीय जनगणना के विरोध में नहीं रही। बिहार विधानसभा और विधान परिषद में दो-दो बार सर्वसम्मत प्रस्ताव भाजपा की सहमति एवं भाजपा जदयू की सरकार के कार्यकाल में ही पारित हुआ । राजद-कांग्रेस के कार्यकाल में कभी प्रस्ताव क्यों नहीं आया ?"
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बीजेपी कभी भी जातीय जनगणना के विरोध में नहीं रही है। बिहार विधानसभा और विधान परिषद में दो-दो बार यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से बीजेपी की सहमति और बीजेपी-जेडीयू की सरकार के कार्यकाल में ही पारित हुआ। राजद-कांग्रेस के कार्यकाल में कभी यह प्रस्ताव क्यों नहीं आया ? महाराष्ट्र और उड़ीसा विधानसभा से भी सर्व सम्मत प्रस्ताव पारित हुआ जहां भाजपा महत्वपूर्ण दल था।
यदि भाजपा विरोध में होती तो भाजपा कभी अपने वरिष्ठ मंत्री जनक राम एवं झारखंड में प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश को प्रधानमंत्री से मिलने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल नहीं कराती। राजद तो 2004 से 2014 तक केंद्र सरकार में शामिल थी तो उसने 2011 की जनगणना में जाति का एक कॉलम क्यों नहीं जुड़वाया? भाजपा यदि विरोध में होती तो 2011 की सामाजिक आर्थिक जातिय जनगणना केंद्र के लिए कराना असंभव हो जाता। बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा कि राजद अनावश्यक श्रेय लेने का प्रयास ना करें। इसका इतिहास तो रहा है कि पंचायत और नगर निकाय चुनाव में पिछड़ों को बिना आरक्षण दिए चुनाव करा दिया था।
गुरुवार यानी आज होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा हो सकती है ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि आज इस प्रस्ताव को पारित किया जा सकता है। जातिगत गणना की घोषणा होने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसे राजद की जीत बताया। कहा था कि जब संसद में इस पर सहमति नहीं बनी तब हमलोगों ने राज्य सरकार पर दबाव बनाया और खुद जातीय गणना कराने की बात राज्य सरकार से की। जिसके बाद सर्वदलीय बैठक 1 जून को बुलाई गयी और जातीय जनगणना कराए जाने का फैसला लिया गया।