Bihar Assembly : शपथ ग्रहण कार्यक्रम के बीच संसदीय कार्य मंत्री ने प्रोटेम स्पीकर को टोका, जानिए क्या रही वजह; सदन के समय पर भी आया अपडेट Bihar Assembly oath : तेजप्रताप यादव की साली ने बिहार विधानसभा में ली शपथ, जनता के लिए शुरू किया कार्यकाल Bihar Assembly : बिहार विधानसभा में इस विधायक ने अंग्रेजी में लिया शपथ; जानिए क्या है नाम और कहां से जीता है चुनाव Bihar Vidhansabha Winter Session: शपथ ग्रहण समारोह में अनुपस्थित रहे भाजपा के विधायक, राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज; जानिए अब कैसे लेंगे शपथ Patna Traffic: राजधानी का ट्रैफिक रूट बदला, पटना जंक्शन सर्किल में ऑटो-कैब की एंट्री पर रोक; फैसले के विरोध में हड़ताल शुरू Patna Traffic: राजधानी का ट्रैफिक रूट बदला, पटना जंक्शन सर्किल में ऑटो-कैब की एंट्री पर रोक; फैसले के विरोध में हड़ताल शुरू Bihar crime news : शादी में हर्ष फायरिंग: गोली लगने से अधेड़ की मौत, 3 गिरफ्तार, पिस्टल बरामद Manoj Vishwas oath : मनोज विश्वास भी शपथ ग्रहण में गड़बड़ाए, स्पीकर ने रोककर सुधारा; फारबिसगंज से जीता है चुनाव Bihar Vidhan Sabha : कांग्रेस विधायक सुरेंद्र प्रसाद शपथ ग्रहण में फंसे, “निष्ठा” और “अक्षुण्ण” शब्दों ने दिया चुनौती; इस सीट से जीता है चुनाव पूर्व डिप्टी सीएम रेणु देवी को दोबारा पढ़नी पड़ी शपथ, प्रोटेम स्पीकर ने रोका और करवाया पुनः पाठ; जानिए क्या है पूरी खबर
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 02 Sep 2024 06:40:34 PM IST
- फ़ोटो
DELHI: देशभर में जातिगत गणना कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसमें हस्तक्षेप करने से सीधे तौर पर इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि यह नीतिगत मामला है और सरकार के दायरे में आता है। सुप्रीम कोर्ट ने सामाजिक-आर्थिक जातिगत गणना पर विचार करने से मना किया। जिसके बाद याचिकाकर्ता ने इस याचिका को वापस लेने की अनुमति शीर्ष अदालत से मांगी है।
दरअसल, बिहार में जातिगत गणना कराए जाने के बाद अब इसकी मांग पूरे देश में उठ रही है। विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है और पूरे देश में जातिगत गणना कराने की मांग कर रहा है। जातिगत गणना कराने के लिए केंद्र सरकार को आदेश देने की मांग वाली एक याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।
याचिकाकर्ता पी. प्रसाद नायडू की तरफ से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। पीठ ने कहा कि इस बारे में क्या किया जा सकता है, यह मुद्दा शासन के अधिकार क्षेत्र में है। यह एक नीतिगत मामला है और कोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।
पीठ ने कहा कि वह इस याचिका को खारिज कर रही है, क्योंकि अदालत इस मुद्दे पर हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। कोर्ट के इस रूख को देखते हुए याचिकाकर्ता ने अदालत से याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। जिसके बाद याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना की याचिका वापस ले ली।