जनता दरबार में फरयादी ने कर दी नीतीश की तारीफ़, कहा - CM हैं रियल विशकर्मा, जबसे बनी सरकार तबसे दिख रहा डेवलपमेंट

जनता दरबार में फरयादी ने कर दी नीतीश की तारीफ़, कहा - CM हैं रियल विशकर्मा, जबसे बनी सरकार तबसे दिख रहा डेवलपमेंट

PATNA  : नए साल की शुरूआती सप्ताह में मख्यमंत्री नीतीश कुमार आज सोमवार को जनता के दरबार में मौजूद हैं।  इस दौरान वो राज्य के कई जिलों से आये हुए 54 फरियादियों की शिकायतों को सुन रहे हैं और इसका तुरंत निपटारा करने का निर्देश सम्बंधित अधिकारियों को दे रहे हैं। नए साल के इस जनता दरबार कार्यक्रम में सीएम काफी एक्टिव को एक्शन में भी दिख रहे हैं। इस कड़ी में आज एक बेहद ही रोचक वाकया देखने को मिला है। 


दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार कार्यक्रम में आए एक फरियादी ने अपनी फ़रियाद पर सीएम को तुरंत निर्णय लेता देखकर भावुक हो गया और उसके द्वारा सीएम नीतीश की तुलना भगवान विशकर्मा से कर दिया गया। फ़रियाद ने अपनी फरियाद सुनाते हुए कहा कि, जबसे आपकी सरकार आई है तबसे हमलोग बेहद खुश हैं। जब भी पटना आते हैं तो कुछ ने कुछ बदला हुआ ही दिखता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा सर आप रियल में विशकर्मा हैं। 


बता दें कि, यह फरियादी अपनी जमीन की समस्या को लेकर सीएम के पास आया था। उसने कहा कि, हमारा जमीन रोड पर हैं और उसमें मैं एक फैक्ट्री लगाना चाहता हूं लेकिन वहां के एक रंगदार द्वारा जबरदस्ती उसपर कब्ज़ा कर लिया। इसको लेकर कई बार हमलोग आवेदन दिए हैं लेकिन, कोई सुनता ही नहीं है। वह रंगदार बाकी के10 किसानों के जमीन पर भी कब्ज़ा कर लिया है। 


उसके कहा कि, सबसे बड़ी बात यह है कि यदि आप थाना के पास अपनी शिकायत लेकर जाते हैं और फ़ोन करते हैं तो उसके बारे में थाना के तरफ से सारी जानकारी रंगदार दी जाती है। इसी कारण हमलोग भी थाना में शिकायत नहीं कर पाते हैं। इसके बाद सीएम ने पास मौजूद अधिकारी को आवाज लगाई और कहा कि इस तरह का कोई गलत काम कर रहा है इस पर ध्यान दिगिए। इसको आप बिल्कुल अच्छी तरह से देखें। 


गौरतलब हो कि, महीने के हर पहले और दूसरे सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता दरबार लगाते हैं इस दौरान हुआ राज्य के तमाम जिलों से आए हुए लोगों की शिकायतों को सुनते हैं और इसके निपटारे को लेकर अधिकारियों को दिशा निर्देश भी देते हैं।इससे पहले सीएम का जनता दरबार 12 दिसंबर को लगा था जिसमें सीएम ने कुल 54 लोगों की शिकायतों को सुना और उसके तत्काल निवारण के लिए संबंधित मंत्रालय को आवश्यक निर्देश दिए।