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1st Bihar Published by: Updated Tue, 21 Jun 2022 05:05:08 PM IST
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DESK: राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर जारी सियासत के बीच विपक्षी पार्टियों ने सर्वसम्मति से यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार के तौर पर घोषित कर दिया है. इससे पहले तीन संभावित उम्मीदवारों ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था. इसमें शरद पवार, फारुख अब्दुल्ला और महात्मा गांधी के पोते गोपालकृष्ण गांधी का नाम शामिल है. अब कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि विपक्ष की ओर से यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार होंगे. आइए जानते हैं यशवंत सिन्हा के बारे में..
यशवंत सिन्हा का जन्म 6 नवम्बर 1937 को पटना में हुआ था. यशवंत सिन्हा ने वर्ष 1958 में पटना विश्वविधालय से राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर किया. इसके बाद पीयू में 1960 तक छात्रों को पढ़ाया. 1960 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए और अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्त्वपूर्ण पदों पर असीन रहते हुए सेवा में 24 से अधिक वर्ष बिताए. इस दौरान उन्होंने 4 वर्षों तक सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट और जिला मजिस्ट्रेट के रूप में सेवा दी।
यशवंत सिन्हा ने 1984 में भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दिया. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी से जुड़ गये. 1986 में भाजपा की ओर से राज्यसभा भेजे गये. यशवंत सिन्हा चन्द्र शेखर के मंत्रिमंडल में 1990 से जून 1991 तक मंत्री रहे. इसके बाद काफी लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़े रहे हैं. लेकिन 13 जून 2009 को उन्होंने भाजपा के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया.
भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा देने के बाद यशवंत सिन्हा काफी समय तक राजनीति से दूर रहे लेकिन 13 मार्च 2021 को वे ममता बनर्जी की ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये. TMC में शामिल होने के बाद पार्टी ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देते हुए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया. TMC में शामिल होने की वजह बताते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा था कि ‘देश दोराहे पर खड़ा है। हम जिन मूल्यों पर भरोसा करते हैं, वे खतरे में हैं।‘
अब भारत के नए राष्ट्रपति का चुनाव होना है, ऐसे में विपक्षी पार्टी की ओर से यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया गया है. बता दें कि 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होगा और 21 जुलाई को रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा. राष्ट्रपति चुनाव में संसद के दोनों सदनों के सदस्यों के अलावा सभी राज्य के विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और संघ शासित प्रदेश पुडुचेरी के विधानसभा के सदस्य वोट डाल सकते हैं.