ब्रेकिंग न्यूज़

बेतिया में गंडक नदी की तेज धार में बहा चचरी पुल, कई गांवों का संपर्क टूटा हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने राजद और कांग्रेस पर बोला हमला, कहा..आरक्षण विरोधी रहा है दोनों पार्टियों का चरित्र Bihar Ias Officers: बिहार के 12 IAS अफसरों को मिली एक और नई जिम्मेदारी, पूरी लिस्ट देखें.... Bihar News: बिहार के 544 CO पर हुआ एक्शन, फिर भी अंचल अधिकारियों पर नहीं पड़ रहा प्रभाव, मंत्री ने की हाईलेवल मीटिंग बेगूसराय में नदी में डूबने से 4 की मौत, खगड़िया में एक बच्ची की गई जान Bihar News: इन जिलों में अगले 2 दिन भीषण बारिश, IMD ने पहले कर दिया सावधान Bihar News: बिहार की इन 8 महिला समेत 13 अफसरों की लगी ड्यूटी, 19-20 तारीख को करेंगे यह काम पटना फतुहा में टाटा कमर्शियल गाड़ियों के सबसे बड़े शोरूम ‘बुद्धा शक्ति’ का उद्घाटन, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने किया शुभारंभ FASTag Yogna: कार, जीप, वैन मालिकों के लिए बड़ी खबर....3000 रू का पास बनाएं और देशभर में करें यात्रा अब घरों में इन्वर्टर लगाने की नहीं पड़ेगी जरूरत: बिहार के 15 शहरों में लगने जा रही हाई-कैपेसिटी बैटरी इन्वर्टर, पावर कट होते ही 4 घंटे मिलेगी बिजली

जानिए कौन हैं सीमा कुशवाहा ? जिन्होंने बिना फीस के 7 साल तक लड़ी निर्भया की लड़ाई

1st Bihar Published by: Updated Fri, 20 Mar 2020 12:01:22 PM IST

जानिए कौन हैं सीमा कुशवाहा ? जिन्होंने बिना फीस के 7 साल तक लड़ी निर्भया की लड़ाई

- फ़ोटो

DELHI : सात साल, चार महीने और चार दिन के इंतजार के बाद आखिरकार निर्भया को न्याय मिल गया. लंबे समय तक चले कानूनी दांव-पेंच के बाद 20 मार्च 2020 की सुबह 5.30 बजे दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई. इसके बाद सोशल मीडिया पर लोग निर्भया की वकील सीमा कुशवाहा की तारीफ कर रहे हैं. 


आइए जानते हैं कौन हैं सीमा कुशवाहा ? और कैसे उन्होंने लड़ी निर्भया की लड़ाई. 

सीमा कुशवाहा ने 2012 से लेकर अबतक निर्भया के लिए अदालत में इंसाफ की लड़ाई लड़ी और और निर्भया को न्याय दिलाया. चारों दोषियों को फांसी मिलते सीमा कुशवाहा ने कहा कि आज उनकी लड़ाई पूरी हुई. सीमा कुशवाहा ने इस केस को बिना एक पैसे लिए लड़ा है. 

घटना के तुरंत बाद ही ही सीमा ने निर्भया का केस मुफ्त लड़ने की घोषणा की थी और गुनहगारों को सजा दिलाने के लिए संघर्ष करती रही.

सीमा कुशवाहा उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं और उन्होंने  दिल्ली विश्वविद्यालय से वकालत की पढ़ाई की है. साल 2012 में सीमा कोर्ट में ट्रेनिंग कर रही थीं और घटना के तुरंत बाद उन्होंने इस केस को बिना पैसे के लड़ने का निश्चय करते हुए इंसाफ दिलाने का संकल्प लिया था. एक इंटरव्यू में सीमा ने कहा था कि अगर वे मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट, लिस्टिंग के लिए कोशिश नहीं करतीं तो मामला शायब अब तक लटका ही रहता. 

निर्भया का केस सीमा के वकालत करियर का पहला केस था. जिसे उसने पूरे जज्बे के साथ लड़ा और आखिरकार गुनहगारों को सजा दिलाई. अभी सीमा सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिसिंग अधिवक्ता हैं. और वे निर्भया के फैमिली के साथ भावनात्मक तौर पर जुड़ गई हैं.