BEGUSARAI : मणिपुर के बाद बिहार के बेगूसराय में भी शर्मनाक घटना सामने आई है। यहां दलित नाबालिग लड़की को निर्वस्त्र कर उसके साथ पिटाई की गई। इस दौरान पीड़िता गुहार लगाती रही, लेकिन आरोपी नहीं माने। इस घटना का वीडियो सामने आया तो बवाल मच गया। वायरल वीडियो में दिखने वाले चार लोगों के खिलाफ लड़की के बयान के आधार पर केस दर्ज किया गया है। वहीं लड़की के साथ रेप करने वाले सिंगर को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है। जिसके बाद इस मामले को लेकर बिहार की राजनीति काफी गर्म हो गई है। इसी कड़ी में भाजपा के नेता के तरफ से इस मामले में नीतीश - तेजस्वी से जवाब माँगा है और पुलिस प्रसाशन पर भी सवाल उठाए गए हैं।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने बेगूसराय घटना को लेकर बड़ा बयान दिया है। सम्राट ने कहा कि, यह बहुत ही शर्मनाक घटना है। इस पर बिहार सरकार को तुरंत एक्शन लेना चाहिए। एफआईआर दर्ज कर जल्द से जल्द आरोपी को जेल भेजना चाहिए। इस मामले में कोई भी राजनीतिक नहीं होना चाहिए सबसे पहले इस पर एक्शन होना चाहिए। बिहार में पुलिस जो महिलाओं के साथ गलत व्यवहार कर रही है इसपर नीतीश कुमार को ध्यान देना चाहिए।
वहीं, विधानसभा के नेता विरोधी दल विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि, जंगलराज के पुरोधा बेगूसराय के तेघड़ा में घटी घटनाओं को देखें और जवाब दें। यहां एक दलित महिला का चीरहरण हो रहा है और प्रशासन इसे प्रेम प्रसंग बताकर मामले को रफा-दफा करने में जुटा हुआ है। किसने अधिकार दिया है महिलाओं को निर्वस्त्र करने का। इतनी बड़ी घटना पर चुप्पी क्यों साध रखी है। चीख -चीख कर आवाज उठाने वाले आज क्यों चुप हो गए हैं? बिहार के लिए यह पहली घटना नहीं है बल्कि इससे पहले भी कई घटनाएं होती रही है लेकिन पुलिस इसे दबा देती है।
जबकि, भाजपा नेता विजय कुमार सिंह के मामले को याद दिलवाते हुए सिन्हा ने कहा कि- यहां मर्डर होता है तो उसे हार्टअटैक बता दिया जाता है। कोई घटना घटित होगा तो उसे बोलेगा प्रेम प्रसंग उससे भी नहीं होगा तो उसे कोई और विवाद बताकर पल्ला झाड़ लेगा। लेकिन अब न्याय देना होगा और इस पर मुख्यमंत्री को जवाब देना होगा। आज जंगलराज गुंडाराज में तब्दील हो गया है हर थाने में केस लिखने से रोका जाता है निर्दोषों को फंसाया जाता है। यहां इंसाफ नहीं मिलता है यही वजह है कि अपराधियों का मनोबल बढ़ रहा है।
इधर, इस मामले में राजद के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि, यह घटना की जितनी निंदा की जाए उतनी कम है। लेकिन, जो मणिपुर की घटना है उस घटना की तुलना बेगूसराय से नहीं की जानी चाहिए। यहां जो घटना हुई है वो किसी व्यक्ति विशेष की तरफ से की गई है। जबकि मणिपुर में घटना प्रायजित हुई है, इसके बाबजूद इसे जिस तरह से दबाने की कोशिश किया गया और दबा भी दिया गया था चार मई की घटना 19 जुलाई को सामने आई, इसलिए यहां की घटना की तुलना बिहार से नहीं हो सकता। बिहार सरकार इस तरह की घटना से कभी समझोता नहीं कर सकती है। पुलिस मामले की जांच में जूट गई है।