JAMUI: संदिग्ध स्थिति में एक महादलित युवक की मौत हो गई. बताया जाता है कि खैरा प्रखंड के टिहिया गांव का बुल्लू मांझी दिहाड़ी मजदूरी कर अपना और अपने परिवार को पालन पोषन करता था. लेकिन लॉकडाउन के कारण काम नहीं मिलने से स्थिति खराब हो गई थी. उसे खाने पीने की समस्या उत्पन्न होने लगी थी, जिस कारण ढ़ाई महीने से बुल्लू के घर कभी चूल्हा जलता था, तो कभी पूरा परिवार बिना खाए ही सो जाता था.
परिजनों ने बताया कि भूख के कारण हुई मौत
बताया जाता है कि मृतक अपने परिवार में कमाने वाला एकमात्र था और उसके परिवार में असकी पत्नी के अलावा दो बेटी और दो बेटा है. लॉकडाउन के कारण बुल्लू जो कुछ बचा हुआ था उससे वह अपने बच्चे को खिलाता रहा और खुद भूखे सो जाता था. मृतक की भाभी चंकी देवी ने बताया कि लॉकडाउन के कारण वह ढाई माह से उसे कोई काम भी नहीं मिला और उसके पास राशन कार्ड नहीं होने के कारण सरकार के द्वारा वितरण किए जा रहे खाद्य सामाग्री भी उसे नहीं मिल पा रहा था. जिस कारण उसका पूरा परिवार भूखमरी के कगार पर आ चुका था. साथ ही बताया की चार दिनों से उसके घर का चूल्हा एक टाइम भी नहीं जल रहा था. जैसे तैसे बच्चों को मुड़ी, चूड़ा और आसपास के लोगों से मांगकर पेट भरने को मजबूर थे.
पैसा मिला तो हुआ अंतिम संस्कार
जानकारी के बाद बीडीओ अतुल्य आर्य ने कांगेश्वर पंचायत के महिला मुखिया को मृतक के घर भेजा और उसे कबीर अंत्येष्टि के तहत मिलने वाली तीन हजार रूपय की राशि दिया गया. जिसके बाद उसके शव का अंतिम संस्कार किया गया. बीडीओ ने मृतक के परिजनों को बिहार सरकार की महत्वकांक्षी योजना परिवारिक लाभ के साथ-साथ अन्य योजना का लाभ दिलाने के साथ-साथ जल्द राशन कार्ड बनवाने का भरोसा दिलाया.