जमुई में नक्सली कमांडर ने किया सरेंडर, कई दिनों से तलाश रही थी बिहार पुलिस

जमुई में नक्सली कमांडर ने किया सरेंडर, कई दिनों से तलाश रही थी बिहार पुलिस

JAMUI :  बिहार विधानसभा चुनाव के मतदान से ठीक पहले जमुई में नक्सली कमांडर डॉक्टर उर्फ सोरेन कोड़ा ने बिहार पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. जमुई पुलिस सोरेन कोड़ा के आत्मसमर्पण को बड़ी उपलब्धि मान रही है. कई दिनों से पुलिस इसकी तलाश में लगी हुई थी.


जमुई के पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार मंडल के समक्ष भाकपा माओवादी का शीर्ष कमांडर डॉक्टर उर्फ सोरेन कोड़ा ने आत्मसमर्पण किया. इसके आत्मसमर्पण के बाद माओवादियों की धार कुंद होने का भी कयास लगाया जा रहा है. एसपी प्रमोद कुमार मंडल ने समाहरणालय स्थित कार्यालय प्रकोष्ठ में खबरनवीसों को सोरेन कोड़ा के द्वारा किये गए आत्मसर्पण की जानकारी देते हुए कहा कि वह 2004 से भाकपा माओवादी के सक्रिय सदस्य के रूप में कार्य कर रहा है.


एसपी ने आगे बताया कि बरहट थाने के चोरमारा गांव निवासी दीना कोड़ा का पुत्र सोरेन कोड़ा जमुई जिला के दर्जनों कांडों का वांछित अभियुक्त है. इसके अलावे वह लखीसराय और मुंगेर जिला के कई मामलों का भी नामजद आरोपी है. एसपी मंडल ने आगे बताया कि 2005 में भीमबांध जंगल में मुंगेर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक के. सी. सुरेंद्र बाबू की हत्या में भी वह अपनी संलिप्तता स्वीकार की है. इसके अलावे वह कई जघन्य अपराधों का भी नामजद आरोपी है.


पुलिस अधीक्षक मंडल ने कहा कि वह माओवादी संगठन की खोखली विचारधारा से तंग आकर और बिहार सरकार की पुनर्वास योजना से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है. उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पण करने के बाद सोरेन कोड़ा को राज्य सरकार की पुनर्वास नीति केअंतर्गत यथोचित मदद दी जाएगी. उन्होंने तथाकथित नक्सलियों से अपील करते हुए कहा कि वे भी अपराध जगत को बाय-बाय कहकर मुख्य धारा में शामिल हो जाएं और जिला के साथ राज्य के विकास में सकारात्मक सहयोग दें.