Bihar Transfer-Posting: बिहार प्रशासनिक सेवा के 10 अफसरों का ट्रांसफर, पूरी लिस्ट देखें.... Bihar News: जमीन कब्जे को लेकर हथियारों से लैस दबंगों का उत्पात, कई महिलाएं गंभीर रूप से घायल Bihar Transfer-Posting : बिहार के एक SDO ने नौकरी क्यों छोड़ दी..? नीतीश सरकार ने दी स्वैच्छिक सेवानिवृति Bihar Ias Transfer: नीतीश सरकार ने दो आईएएस अफसरों का किया ट्रांसफर, पश्चिम बंगाल कैडर की इस महिला IAS को दी यह जिम्मेदारी... Bihar Politics: विधानसभा चुनाव से पहले प्रशांत किशोर को बड़ा झटका, जन सुराज के बड़े नेता ने पार्टी से दिया इस्तीफा Rashtriya Janata Dal: बिहार चुनाव से पहले RJD की बड़ी रणनीति, P.hd प्रवक्ताओं की उतार दी फौज! Bihar News: हादसे की शिकार हुई बारात जा रही बस, दो दर्जन से अधिक बाराती घायल; दो की हालत नाजुक Bihar Politics : अल्लाबरू को अखिलेश सिंह का करारा जवाब, तेजस्वी ही होंगे महागठबंधन का चेहरा! Bihar tribal voters: बिहार में पहली बार इस समाज के हर वयस्क को मिला वोट का हक ,कभी नहीं जानते थे वोट क्या होता है! Bihar dalit politics: आंबेडकर जयंती कार्यक्रम में पूर्व शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने जीतन राम मांझी पर तीखा हमला बोलते हुए पाखंडी बता दिया !
DESK : जमानत पर रिहाई चाहते है तो आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना होगा. जी हां, चौकिये मत. यह शर्त दिल्ली के पटियाला हाउस स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने रखी है. जमानत के लिए कैदी को अन्य शर्तो के साथ इस शर्त का भी अनिवार्य रूप से पालन करना होगा. एक कैदी को अदालत ने आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने और ब्लूटूथ चालू रखने की अनिवार्य शर्त के आधार पर जमानत दी है. अदालत ने इस कैदी को कहा है कि अगर वह ऐसा नहीं करेगा तो उसकी जमानत तुरंत रद्द हो जाएगी .
अदालत ने यह शर्त कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों के मद्देनजर रखी है. पटियाला हाउस स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नवीन कुमार कश्यप की अदालत ने आपराधिक मामले में विचाराधीन कैदी को जमानत देते हुए इन सारी बातों को कहा है. अदालत का मानना है कि इस शर्त से लोग अपने आस-पास सतर्क रहेंगे. आदेश में यह भी कहा गया है कि कैदी को हमेशा अपने मोबाइल में जीपीएस सिस्टम व ब्लूटूथ चालू रखने होंगे. इससे कैदी के लोकेशन की जानकारी भी पुलिस को रहेगी और कोरोना जैसे गंभीर बीमारी से लड़ना भी आसान हो जायेगा.
अदालत ने आगे कहा कि बार-बार सरकार की तरफ से लोगों को कहा जा रहा है कि वह इस एप को अपने स्मार्टफोन में डाउनलोड कर लें. इससे कोरोना के समय में प्रत्येक व्यक्ति को यह जानने में आसानी रहेगी कि उसके आस-पास कोई कोरोना मरीज तो नहीं है. अगर कोई मरीज है तो सावधानी बरत कर उससे बच सकते हैं.
दरअसल, अदालत के इस आदेश को एक जागरुकता संदेश माना जा सकता है. जब कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ने लगा तब भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय और सूचना एवम् तकनीक मंत्रालय के साथ मिल कर आरोग्य सेतु एप को लॉन्च किया था. पर इस एप के लिए लोगों के मन में अपने मोबाइल डाटा की सुरक्षा को ले कर संदेह थे, जिसे सरकार में स्पस्टीकरण दे कर दूर कर दिया है. अब लोग इस एप का इस्तेमाल करने लगे हैं. पर अभी भी दिल्ली और देशभर में बड़ी जनसंख्या ऐसी है जिसने आरोग्य सेतु एप डाउनलोड नहीं किया है, जबकि इस एप को डाउनलोड करना जरूरी है. इसीलिए अदालत ने इस अभियान की शुरुआत करते हुए जमानत की शर्त के तौर इसे लागू किया है.